क्रूड में नरमी के बीच कब सस्ते होंगे पेट्रोल और डीजल? तेल मंत्री ने दिया इसका जवाब
नई दिल्ली : कच्चे तेल की कीमतों में नरमी देखने को मिली है और एक बार फिर ब्रेंट क्रूड रूस यूक्रेन संकट से पहले के स्तर पर आ गया है. फिलहाल ब्रेंट क्रूड 95 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे चल रहा है. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से उम्मीद बनने लगी थी कि जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती हो सकती है. हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा तेल कंपनियों के नुकसान को भरने में किया जाएगा. यानि साफ है कि फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नरमी नहीं आएगी और राहत के लिए ग्राहकों को अभी और इंतजार करना होगा.
क्या है तेल मंत्री का बयान
पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि तेल कंपनियों को अपने नुकसान को भरने के अभी वक्त चाहिए. जिसके बाद ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती पर फैसला लिया जा सकता है. तेल कंपनियां 15 दिन में कच्चे तेल की कीमतों के औसत खरीद मूल्य के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों की दैनिक आधार पर समीक्षा करती हैं. हालांकि बीते 137 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. तेल कंपनियों ने पिछले महीने जानकारी दी थी कि ऊंचे क्रूड और तेल कीमतों के स्थिर रहने से उन्हें तेल की खुदरा बिक्री पर 18 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. तेल की मौजूदा गिरावट पर कंपनियां कोशिश कर रही हैं कि वो इस घाटे की भरपाई कर लें.
कच्चे तेल में एक बार फिर बढ़त
शुक्रवार को कच्चे तेल में एक बार फिर बढ़त देखने को मिली है. ब्रेंट क्रूड एक बार फिर 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है.दिन के दौरान इसमें 4 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है. हालांकि बीते एक महीने में अधिकांश वक्त ब्रेंट 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे रहा है. इस दौरान में सिर्फ 4 सत्र ऐसे रहें जब ब्रेंट का बंद भाव 100 डॉलर से ऊपर गया. ऐसे में संभावना है कि तेल कंपनियों का घाटा कुछ कम हुआ हो. फिलहाल तेल पर मंदी की आशंकाओं का असर देखने को मिल रहा है. हालांकि वहीं तेल कंपनियों की नजर ओपेक की बैठक पर भी है क्योंकि ओपेक पहले ही संकेत दे चुका है कि अगर मांग घटती है तो वो समय से पहले उत्पादन की समीक्षा करेगा.