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MEASLES OUTBREAK : 700 बच्चों की गई जान, खसरे के प्रकोप से हाहाकार

MEASLES OUTBREAK: 700 children lost their lives, outraged by the outbreak of measles

हरारे (जिम्बाब्वे)। जिम्बाब्वे में खसरे के प्रकोप से जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर लगभग 700 हो गई है. यह जानकारी देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी. कुछ लोग ऐसे देश में टीकाकरण को अनिवार्य बनाने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं जहां 1.5 करोड़ की आबादी पर आधुनिक चिकित्सा विरोधी धार्मिक संप्रदायों का प्रभाव है. देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सप्ताहांत में घोषणा की थी कि अप्रैल में खसरे का प्रकोप शुरू होने के बाद से रोग से 698 बच्चों की मौत हो गई है.

मंत्रालय ने कहा कि इनमें से 37 मौतें एक सितंबर को एक ही दिन में हुईं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने चार सितंबर तक 6,291 मामले दर्ज किए हैं. नवीनतम आंकड़े लगभग दो सप्ताह पहले घोषित मृतक संख्या से चार गुना से अधिक हैं, जब मंत्रालय ने कहा था कि 157 बच्चों ने बीमारी के कारण दम तोड़ दिया. मंत्रालय ने कहा कि इनमें से अधिकांश बच्चों को उनके परिवार की धार्मिक मान्यताओं के कारण टीके नहीं लगाये गये थे.

मेडिकल एंड डेंटल प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स आफ जिम्बाब्वे एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जोहान्स मारिसा ने सोमवार को बताया कि सरकार को बड़े पैमाने पर चल रहे टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाना चाहिए और विशेष रूप से टीकाकरण विरोधी धार्मिक समूहों को लक्षित करते हुए जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने चाहिए.

मारिसा ने कहा, ‘‘सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए दंडात्मक उपायों पर भी विचार करना चाहिए कि किसी को भी अपने बच्चों का टीकाकरण कराने से इनकार करने की अनुमति नहीं हो.’’ उन्होंने सरकार से ‘‘खसरा जैसी जानलेवा बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण को अनिवार्य बनाने वाले कानून बनाने पर विचार करने’’ का आग्रह भी किया.

यूनिसेफ ने सोमवार को कहा कि वह खसरे के कारण बच्चों की मौतों की संख्या से ‘‘बहुत चिंतित’’ है. एजेंसी ने कहा कि वह टीकाकरण कार्यक्रमों के माध्यम से इस रोग के प्रकोप से निपटने में सरकार की सहायता कर रही है. खसरे का प्रकोप पहली बार अप्रैल की शुरुआत में पूर्वी मानिकलैंड प्रांत में सामने आया था और तब से यह देश के सभी हिस्सों में फैल गया है.

सूचना मंत्री मोनिका मुत्सवांगवा ने अगस्त में कहा था कि ऐसे कई बच्चों की मौत हुई है जिन्हें टीका नहीं लगाया गया था. जिम्बाब्वे के मंत्रिमंडल ने रोग के प्रकोप से निपटने के लिए आपदाओं से निपटने में इस्तेमाल किया जाने वाला कानून लागू किया है. सरकार ने 6 महीने से 15 साल की उम्र के बच्चों के लिए एक व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू किया है.

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