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जीएसटी का संभागीय कार्यालय जगदलपुर में खोला जाए – विपिन

जगदलपुर। भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक अधिवक्ता विपिन मालवीय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं वाणिज्यकर व जीएसटी मंत्री टीएस. सिंहदेव को पत्र लिखकर मांग करते हुए कहा है कि वर्तमान में दुरस्त अंचल सुकमा, बीजापुर, दंतेवाडा, बस्तर, कोण्डागांव नारायणपुर एवं कांकेर क्षेत्र के कर दाताओं को अपने जीएसटी एवं वैट कर के अपील एवं रिवीजन के लिए रायपुर जाना होता है, जो कि अत्यधिक दूरी होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बस्तर की भौगोलिक दृष्टिकोण से बस्तर के व्यापारियों के परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए जगदलपुर में जीएसटी (राज्य कर) का संभागीय मुख्यालय खोले जाने का आग्रह छत्तीसगढ़ सरकार से किया है।
उन्होने बताया कि बस्तर संभाग का संभागीय मुख्यालय जगदलपुर प्रशासनिक दृष्टि से बस्तर संभाग का मुख्यालय है, जिसमें क्रमश: 7 जिले बस्तर, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा कोण्डागांव, नारायणपुर एवं कांकेर शामिल होते हैं। जगदलपुर में वर्तमान में वाणिज्यिक कर/जी.एस.टी. विधान के अंतर्गत दो सर्कल ऑफिस हैं, क्रमश: वाणिज्यिक कर कार्यालय जगदलपुर वृत-1 एवं वाणिज्यिक कर कार्यालय जगदलपुर वृत-2 का कार्यालय जगदलपुर में स्थित है, इन दोनों कार्यालयों में बस्तर जिला सुकमा जिला दंतेवाड़ा जिला बीजापुर जिला, कोण्डागांव जिला एवं नारायणपुर जिले के व्यापारियों का कार्य होता है, इन दोनों कार्यालयों में लगभग 25,000 से अधिक पंजीकृत करदाता है।

विपिन मालवीय ने कहा कि वर्तमान में दुरस्त अंचल सुकमा, बीजापुर, दंतेवाडा, बस्तर, कोण्डागांव नारायणपुर एवं कांकेर क्षेत्र के कर दाताओं को अपने जीएसटी एवं वैट कर के अपील एवं रिवीजन के लिए संभागीय मुख्यालय रायपुर जाना होता है, जो कि बीजापुर से रायपुर की दूरी लगभग 431 कि.मी. है, सुकमा से रायपुर की दूरी लगभग 410 कि.मी. है, जगदलपुर से रायपुर की दूरी लगभग 300 कि.मी. है, अन्य जिलों की दूरी भी रायपुर तक लगभग 200 कि.मी. से अधिक है, जिसकी वजह से करदाता का समय एवं आर्थिक नुकसान होता है। भौगोलिक दृष्टिकोण से भी बस्तर संभाग का क्षेत्रफल केरल राज्य से भी बड़ा है अत: बस्तर संभाग के व्यापारियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जगदलपुर को मुख्यालय बनाते हुए बस्तर संभाग का जीएसटी (राज्य कर) का संभागीय कार्यालय खोलना न्याय उचित होगा। बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोण्डागांव नारायणपुर एवं कांकेर जिले को शामिल किये जाने से यहां के व्यापारियों को काफी सुविधा प्राप्त होगी।

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