Jammu-kashmir: LG मनोज सिन्हा का बड़ा एक्शन, आतंकवाद के लिए काम कर रहे 3 कर्मचारियों को किया बर्खास्त

Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवाद से जुड़े होने के आरोप में मंगलवार (3 जून) को तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. एलजी मनोज सिन्हा ने मंगलवार को तीनों सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (HM) के लिए काम कर रहे थे.
अगस्त 2020 में पदभार ग्रहण करने के बाद से मनोज सिन्हा ने सक्रिय आतंकवादियों और उनके सहायक नेटवर्क, जिसमें ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) और सरकारी संस्थानों में शामिल समर्थक शामिल हैं, दोनों को लक्षित करके आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को कमजोर करने को प्राथमिकता दी है.
आतंकी संगठनों से जुड़े होने का आरोप
तीनों के खिलाफ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत की गई है. इसके तहत अगर कोई कर्मचारी सरकारी संस्थानों में आतंकवाद को बढ़ावा देने शामिल है और वह प्रशासन की चल रही कार्रवाई का हिस्सा है, तो उसके खिलाफ सबूत मिलने पर सरकार को सख्त कदम उठाने अधिकार है.
ये हैं बर्खास्त होने वाले कर्मचारी
एलजी मनोज सिन्हा द्वारा 3 जून को बर्खास्त किए गए तीन कर्मचायियों में मलिक इश्फाक नसीर, जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल, एजाज अहमद, स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक और वसीम अहमद खान, सरकारी मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में जूनियर असिस्टेंट शामिल हैं. तीनों पर सुरक्षा बलों और नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी संगठनों को मदद कर रहे थे.
साल 2007 में भर्ती हुए पुलिस कांस्टेबल मलिक इश्फाक नसीर को लश्कर का सक्रिय सहयोगी पाया गया. उसका भाई मलिक आसिफ नसीर पाकिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर का आतंकवादी था जो 2018 में मारा गया था. मलिक ने पुलिस बल में सेवा करते हुए संगठन का समर्थन करना जारी रखा, हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में मदद की.
फरवरी में भी 3 कर्मचारी हुए थे बर्खास्त
जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने 15 फरवरी 2025 को भी तीन सरकार कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था. सरकारी सेवा से बर्खास्त होने वाले कर्मचारी में पुलिस कॉन्स्टेबल फिरदौस अहमद भट, टीचर मोहम्मद अशरफ भट और फॉरेस्ट डिपाट्रमेंट में अर्दली निसार अहमद खान का नाम शामिल है.