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पिछले एक साल में तेजी से गिरा रुपया, डॉलर को मिल रहा बदले हालात में सपोर्ट, पाकिस्तान समेत इन 5 देशों का क्या होगा?

Rupee fell sharply in last one year, dollar is getting support in changed situation, what will happen to these 5 countries including Pakistan?

डेस्क। पिछले एक साल के दौरान भारतीय करेंसी के भाव में तेजी से गिरावट आई है. रुपये ने पिछले कुछ दिनों के दौरान लगातार नया रिकॉर्ड लो बनाया है. रुपये की यह तेज गिरावट देश में राजनीतिक बयानबाजियां भी बढ़ा रही हैं. विपक्षी दल लगातार इसे लेकर सरकार को निशाना बना रहे है. बीते एक साल के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 5 रुपये से ज्यादा गिरा है और पहली बार डॉलर के मुकाबले 80 के भी पार निकलने के करीब है. हालांकि कई अन्य देशों को देखें तो उनकी करेंसी की तुलना में अभी भी डॉलर बेहतर स्थिति में है.

इन कारणों से मजबूत हो रहा डॉलर –

दरअसल बदलते हालात ने पूरी दुनिया के ऊपर मंदी का जोखिम खड़ा कर दिया है. अमेरिका में महंगाई 41 सालों के उच्च स्तर पर है. इसे काबू करने के लिए फेडरल रिजर्व तेजी से ब्याज दरें बढ़ा रहा है. महंगाई के ताजा आंकड़े के बाद अमेरिका में ब्याज दर में एक झटके में एक फीसदी की बढ़ोतरी की आशंका तेज हो गई है. अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का फायदा डॉलर को मिल रहा है. मंदी के डर से विदेशी निवेशक उभरते बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं और सुरक्षित इन्वेस्टमेंट के तौर पर डॉलर खरीद रहे हैं. इस परिघटना ने डॉलर को अप्रत्याशित तरीके से मजबूत किया है. इसी कारण कई दशक बाद पहली बार डॉलर और यूरो (Euro) के भाव लगभग बराबर हो गए हैं, जबकि यूरो डॉलर से महंगी करेंसी हुआ करती थी.

इतनी गिरी रुपये की वैल्यू –

भारत की बात करें तो रुपया साल भर पहले डॉलर के मुकाबले 74.54 के स्तर पर था. अभी यह 79.90 पर जा चुका है और कभी भी 80 के पार निकल सकता है. इस तरह बीते एक साल में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 6.6 फीसदी कमजोर हुआ है. अन्य पड़ोसी देशों को देखें तो पाकिस्तान की करेंसी इस दौरान सबसे ज्यादा खराब परफॉर्म करने वाली सूची में शामिल है. बीते एक साल के दौरान पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू डॉलर के मुकाबले 31.65 फीसदी कम हुई है. साल भर पहले एक डॉलर की वैल्यू 159.10 पाकिस्तानी रुपये के बराबर थी, जो अभी 209.46 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है.

श्रीलंका का सबसे ज्यादा बुरा हाल –

एक अन्य पड़ोसी देश नेपाल की करेंसी भी इस दौरान टूटी है. साल भर पहले नेपाली रुपया एक डॉलर के मुकाबले 117.70 पर था. अभी यह डॉलर के मुकाबले 127.66 पर जा चुका है. इस तरह पिछले एक साल में नेपाली करेंसी करीब 8.50 फीसदी कमजोर हुई है. सबसे बुरा हाल श्रीलंका का है. आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक व राजनीतिक संकट से जूझ रहे इस पड़ोसी देश की करेंसी श्रीलंकाई रुपये की वैल्यू तो इस दौरान करीब 84 फीसदी कम हुई है. साल भर पहले एक डॉलर की वैल्यू 196.55 श्रीलंकाई रुपये के बराबर थी, जो अभी 360.82 श्रीलंकाई रुपये के बराबर हो चुकी है.

नेपाल, अफगानिस्तान की करेंसी गिरी –

बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की स्थिति भी ठीक नहीं है. साल भर पहले एक डॉलर का भाव 83.27 बांग्लादेशी टके के बराकर था, अभी यह 93.91 टके के बराबर है. इस तरह टके का भाव डॉलर की तुलना में इस दौरान 12.77 फीसदी गिरा है. राजनीतिक अस्थिरता से हाल ही में गुजरे अफगानिस्तान की करेंसी का भी बुरा हाल है. साल भर पहले डॉलर के मुकाबले अफगान अफगानी 79 के लेवल पर था. यह अभी 25.64 फीसदी गिरकर 87.95 पर आ चुका है.

 

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