राहुल ने केरल के त्रिशूर में शुरू की भारत जोड़ो यात्रा, महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन
त्रिशूर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार सुबह केरल के त्रिशूर से अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ फिर से शुरू की. यात्रा में उनके साथ शामिल सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रसोई गैस की कीमत में वृद्धि के खिलाफ गैस सिलेंडर के आकार के कटआउट और बैनर के साथ प्रदर्शन किया. 150 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा रविवार को सुबह के सत्र में 11 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और पूर्वाह्न करीब 11 बजे वडक्कांचेरी में रुकेगी.
इस यात्रा में के मुरलीधरन, के सी वेणुगोपाल, रमेश चेन्नीथला और वी डी सतीशन सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ पैदल चल रहे हैं. रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गैस सिलेंडर के आकार के कटआउट लेकर यात्रा शुरू की. उन्होंने बैनर भी थाम रखे थे, जिस पर देश में रसोई गैस की कीमतें दर्शायी गई थीं. उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने भारत में ईंधन और रसोई गैस की कीमतों में भारी वृद्धि को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हिंसा और नफरत फैला रहे हैं.
त्रिशूर में भीड़ को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार थी, तब गैस सिलेंडर की कीमत 400 रुपये थी. उस समय प्रधानमंत्री गैस सिलेंडर की कीमत 400 रुपये होने की शिकायत करते थे, लेकिन आज गैस सिलेंडर एक हजार रुपये का होने पर वह एक शब्द भी नहीं बोलते.कांग्रेस ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे इस ‘ऐतिहासिक आंदोलन में शामिल हों, जो मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के पुन: निर्माण के लिए है. त्रिशूर में महिलाओं और बच्चों को राहुल से मिलने के लिए सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए देखा गया. इस दौरान कांग्रेस नेता उनसे बात कर रहे थे, तस्वीर खिंचवा रहे थे और सड़क के दोनों ओर खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे.
उम्मीद है कि राहुल पूरे रास्ते में लोगों से मिलते हुए वडक्कांचेरी पहुंचेंगे. वह शाम पांच बजे दूसरे चरण की यात्रा शुरू करेंगे. रविवार की यात्रा जिले के चेरुथुरुथी में समाप्त होगी. गौरतलब है कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 150 दिनों में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. यह यात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी. यात्रा 10 सितंबर की शाम केरल में दाखिल हुई और 19 दिनों में 450 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए एक अक्टूबर को कर्नाटक में प्रवेश करेगी.