इस देश में महंगाई 70% पार, महीने भर में बदले 2 वित्त मंत्री, नोट छापने पर लगेगी रोक
नई दिल्ली : पूरी दुनिया में इस वक्त महंगाई (Inflation) ने लोगों का बजट बिगाड़ रखा है. इसपर काबू पाने के लिए कई देशों के सेंट्रल बैंक ब्याज दर को बढ़ा रहे हैं. लेकिन एक देश है, जिसके केंद्रीय बैंक ने बेंचमार्क ब्याज दर को 69.5 फीसदी तक बढ़ा दिया है और वहां महंगाई दर 70 फीसदी की आंकड़े के पार चली गई है. 20 साल की सबसे अधिक महंगाई दर परेशान इस देश का नाम है अर्जेंटीना (Argentina), जहां मौजूदा महंगाई दर 71 फीसदी पर पहुंच गई है. महंगाई पर काबू पाने के लिए अर्जेंटीना के सेंट्रल बैंक ने बेंचमार्क दर को 60 फीसदी से बढ़ाकर 69.5 फीसदी कर दिया.
कैबिनेट में फेरबदल
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने एक नई अर्थव्यवस्था स्थापित करने के लिए अपने कैबिनेट में फेरबदल किया है. अर्जेंटीना के केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि उसका निर्णय मुद्रास्फीति को कम करने, वित्तीय और एक्सचेंज की स्थिरता को मजबूत करने में मदद करेगा. पॉजिटिव वास्तविक ब्याज दर अर्जेंटीना और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के बीच हाल ही में हुए 45 अरब डॉलर के कर्ज करार के मुख्य बिंदुओं में से एक है.
90 फीसदी तक पहुंच सकती है महंगाई दर
अर्जेंटीना में महंगाई दर को 90 फीसदी तक पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है. नए अर्थव्यवस्था मंत्री सर्जियो मस्सा ने कहा कि बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करना, कर्ज से निपटना और सरकारी खर्च पर लगाम लगाना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है. मस्सा ने तेल कंपनियों को टैक्स और सीमा शुल्क लाभ देने की योजना का ऐलान किया है. महंगाई से परेशान अर्जेंटीना की जनता हाल ही में सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया था.
अब नहीं छपेंगे नोट
ब्याज दरें बढ़ाने के साथ-साथ, उन्होंने सरकारी खर्च के लिए इस साल केंद्रीय बैंक को और अधिक पैसे नहीं छापने को कहा है. पिछले एक महीने में मस्सा तीसरे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने अर्जेंटीना के अर्थव्यवस्था मंत्री का पद संभाला है.
दो मंत्रियों ने छोड़ा पद
अर्जेंटीना में पहले से ही बढ़ी महंगाई दर उस वक्त काबू से बाहर हो गई है, जब तत्कालीन अर्थव्यवस्था मंत्री मार्टिन गुजमैन ने देश के सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर लंबे समय से चल रहे राजनीतिक संकट की वजह ले अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने सिल्विना बटाकिस को इस पद पर नियुक्त किया, लेकिन वो भी सिर्फ तीन सप्ताह तक ही इस पद पर बने रह सके.