CG BREAKING : कोयला परिवहन घोटाले में पहली बार आया “अडानी” का नाम, मेयर ने की SP से शिकायत, SIT जांच की मांग
CG BREAKING: The name of “Adani” came for the first time in the coal transport scam, Mayor complained to SP, demanded SIT investigation
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रहे कोयला परिवहन में अवैध लेवी की वसूली से जुड़े घोटाले में पहली बार अडानी समूह का नाम आया है। रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने रायपुर के पुलिस अधीक्षक-SSP से इसकी लिखित शिकायत की है। उनका कहना है, इस मामले में तमाम तथ्यों और गवाहों के बयान के बाद भी केंद्र सरकार और ED अडानी समूह पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इस मामले में कांग्रेस नेताओं को फंसाया जा रहा है। ढेबर ने इस मामले की जांच के लिए SIT बनाने की मांग की है।
ई.डी. द्वारा केंद्र सरकार के दबाव में कांग्रेस के अधिवेशन में बाधा उत्पन्न करने तथा कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल करने की शिकायत के साथ आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा।
साथ ही विशेष जांच समिति का गठन कर उपरोक्त विषय की जांच करने और.. (1/2) pic.twitter.com/6bPm3TNzE1
— Aijaz Dhebar (@AijazDhebar) February 20, 2023
पिछले पांच महीनों से चल रही ED की कार्रवाई सोमवार को अब तक के सबसे हंगामेदार मोड़ पर पहुंच गई। ED की टीमों ने कांग्रेस के दर्जन भर नेताओं के यहां सोमवार सूर्योदय से पहले ही छापा मारा। कांग्रेस के महाधिवेशन से चार दिन पहले हुई इस कार्रवाई से रायपुर से दिल्ली तक बवाल मचा। रायपुर-भिलाई में जहां-जहां ED की कार्रवाई हो रही थी, वहां कांग्रेस के नेताओं ने मोर्चाबंदी की। शाम को युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने रायपुर के पुजारी पार्क स्थित क्षेत्रीय कार्यालय का घेराव कर दिया। सीआरपीएफ के जवानों ने लाठीचार्ज किया तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें दबोच लिया। जिन्हें स्थानीय पुलिस के जवानों ने मुश्किल से बचाया।
इस बीच रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने रायपुर SSP को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया, ED की ओर से पंजीबद्ध मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है अथवा जिन लोगों से गवाही ली गई है, उन्होंने इसके बारे में लोगों को बताया है। उनके मुताबिक -रायगढ़ स्थित जीपी-3 कोयला खदान में सूर्यकांत तिवारी और जोगिंदर सिंह की कंपनी जय अंबे ट्रांसपोर्ट कंपनी अडानी के लिए काम करती थी। अडानी समूह के कर्मचारी कोयला परिवहन का 70 रुपया प्रति टन नकद लेते थे। यह काम सूर्यकांत तिवारी देखता था। वह अडानी समूह के लिए 2010 से काम कर रहा है। इस संबंध में जानकारी के बावजूद ED ने अडानी समूह के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। वह इन तथ्यों को छिपा रही है। ढेबर का आरोप है कि ED अब मनगढ़ंत तथ्यों और झूठे साक्ष्य बनाकर कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही कर कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में बाधा उत्पन्न कर रही है।
सूर्यकांत और जोगिंदर सिंह से पूछताछ कर अडानी पर कार्यवाही की मांग –
एजाज ढेबर ने अपने ज्ञापन में कहा है, सूर्यकांत तिवारी और उसके पार्टनर जोगिंदर सिंह ने अडानी समूह के लिए 70 रुपया प्रति टन लेने का बयान दिया है। वे केंद्रीय जेल में बंद हैं। उनका बयान आयकर विभाग और ED के पास है। ऐसे में इन लोगों से पूछताछ कर अडानी समूह के खिलाफ उचित कार्यवाही करें। उन्होंने SIT बनाकर मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
ED की चार्जशीट में 25 रुपया प्रति टन की ही बात –
प्रवर्तन निदेशालय-ED ने रायपुर की PMLA कोर्ट में दो बार चार्जशीट पेश की है। इसमें कहा गया, 15 जुलाई 2020 को खनिज साधन विभाग की एक अधिसूचना से कोयला परिवहन की अनुमति की ऑनलाइन व्यवस्था खत्म कर दी गई। 30 जुलाई 2020 से अवैध उगाही के इस गैंग ने काम करना शुरू कर दिया। इसके तहत जब तक कोयले पर 25 रुपया प्रति टन और आयरन पैलेट पर 100 रुपया प्रति टन की अवैध लेवी नहीं मिल जाती थी तब तक जिला परिवहन कार्यालय से ट्रांसपोर्टर को एनओसी नहीं जारी होती। पेमेंट होने के बाद सूर्यकांत तिवारी के कर्मचारी संबंधित अधिकारियों को बताते थे कि पैसा मिल गया है, उसके बाद एनओसी जारी होती थी।