BREAKING: Big change again after Kiren Rijiju in Modi cabinet ..
मोदी कैबिनेट में लगातार बदलाव के अपडेट आ रहे हैं. सामने आया है कि किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय लेने के बाद अब उनके डिप्टी भी कानून मंत्रालय से हटा दिए गए हैं. राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह पर राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल का विभाग भी बदल दिया है. अब वे कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के स्थान पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री होंगे.
अर्जुन मेघवाल बने कानून मंत्री –
बता दें कि इससे पहले, कानून मंत्री के पद से किरेन रिजिजू को हटाकर उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है. किरेन रिजिजू बतौर केंद्रीय कानून मंत्री लगातार चर्चा में रहे और उन्होंने पिछले दिनों न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे. पीएम नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी दी है. अब किरेन रिजिजू को कानून मंत्रालय से बदलकर भू विज्ञान मंत्रालय दिया गया. वहीं, रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को उनके मौजूदा पोर्टफोलियो के अलावा कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है.
जानिए कौन हैं एसपी सिंह बघेल –
बघेल आगरा से बीजेपी सांसद हैं. पूरा नाम सत्यपाल सिंह बघेल. प्रो. एसपी सिंह बघेल उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के भटपुरा के मूल निवासी हैं. इटावा में रहे हैं. बघेल अपनी कर्मभूमि बदलते रहे हैं और उनकी जाति को लेकर भी काफी विवाद है. वह फिरोजबाद के जलेसर सीट से पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद फिरोजबाद से सांसद रहने के बाद आगरा को अपनी कर्मभूमि बना लिया.
समाजवादी पार्टी से शुरू किया सियासी सफर –
एसपी बघेल ने अपना सियासी सफर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार होकर शुरू किया था. कुछ दिनों तक बसपा में रहे और फिर बीजेपी में शामिल हो गए. मुलायम सिंह यादव से लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री रहे और सूबे की तीनों ही पार्टियों से सांसद रह चुके हैं. बघेल दो बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं.
ऐसा रहा है सियासी सफर, 2022 में ही बने थे केंद्रीय राज्यमंत्री –
बीजेपी ने एसपी बघेल को 2014 में फिरोजाबाद संसदीय सीट से सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के खिलाफ उतारा था. हालांकि चुनाव वे हार गए थे. इसके बाद 2017 का चुनाव टूंडला से विधायक रहे और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. इसके बाद मंत्री रहते हुए बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में आगरा सीट से उतारा और वो सांसद चुने गए. साल 20222 में मोदी कैबिनेट के विस्तार में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था.
रिजिजू से क्यों छिना कानून मंत्रालय? –
किरेन रिजिजू और न्यायपालिका के रिश्ते कभी अच्छे नहीं थे. कानून मंत्री के पद पर किरेन रिजिजू करीब दो साल तक रहे. उनका यह पूरा कार्यकाल विवादों में रहा. किरने रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव बना रहा. रिजिजू ने न्यायपालिका के प्रति खुले तौर पर टकराव वाला रवैया अपनाया था. ऐसे में रिजिजू का न्यायपालिका से खुला टकराव मोदी सरकार के लिए मुसीबत न बढ़ा दे, इससे पहले उनके हाथों से कानून मंत्रालय छीन लिया गया.
मंत्रालय बदलने पर ये बोले रिजिजू –
इस बदलाव पर रिजिजू ने कहा कि ”माननीय पीएम मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री के रूप में सेवा करना सौभाग्य रहा. मैं सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और सभी लॉ अधिकारियों को हमारे नागरिकों के लिए कानूनी सेवाएं प्रदान करने में भारी समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं पीएम मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए तत्पर हूं. एक बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में मैंने जिस उत्साह और जोश के साथ काम किया था, वैसे ही भू विज्ञान मंत्रालय में जिम्मा संभालूंगा.”