AMERICA VENEZUELA WAR : US-Venezuela conflict reaches its peak, tensions escalate with deployment of warship
नई दिल्ली। अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। अमेरिका ने अब अपने युद्धपोत को वेनेजुएला के पड़ोसी देश त्रिनिदाद एवं टोबैगो में तैनात कर दिया है। यह कदम राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार पर सैन्य दबाव बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिकी नौसेना का मिसाइल विध्वंसक यूएसएस ग्रेवली कैरेबियन सागर पहुंच चुका है, जबकि विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड भी वेनेजुएला की ओर बढ़ रहा है।
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अमेरिका के इस कदम को अपने देश के खिलाफ “नया युद्ध छेड़ने की साजिश” बताया है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बिना सबूत दिए मादुरो पर संगठित अपराध गिरोह त्रेन दे अरागुआ का नेता होने का आरोप लगाया है।
त्रिनिदाद एवं टोबैगो सरकार ने कहा है कि अमेरिकी युद्धपोत वहां गुरुवार तक रहेगा ताकि दोनों देश संयुक्त अभ्यास कर सकें। इस देश की प्रधानमंत्री कमला परसाद-बिसेसर अमेरिका की इस सैन्य तैनाती और वेनेजुएला की ओर संदिग्ध मादक पदार्थ तस्करी नौकाओं पर कार्रवाई की समर्थक मानी जाती हैं।
अमेरिका की ओर से यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा एंटी-नारकोटिक्स मिशन बताया जा रहा है। ट्रंप प्रशासन लगातार वेनेजुएला पर नशा तस्करों को संरक्षण देने और ड्रग कार्टेल को बढ़ावा देने का आरोप लगाता रहा है। अमेरिका ने त्रेन दे अरागुआ गैंग को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित किया है।
तनाव तब और बढ़ गया जब जुलाई 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मादुरो ने अपनी जीत का ऐलान किया, जिसे अमेरिका और पश्चिमी देशों ने धांधली बताया। विपक्षी नेता एडमुंडो गोंजालेज को विजेता मानते हुए अमेरिका ने मादुरो सरकार पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। जनवरी 2025 में मादुरो के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद, वेनेजुएला ने नॉर्वे में अपना दूतावास बंद कर दिया था।
