भाजपा कर्मचारी हड़ताल पर घडिय़ाली आंसू मत बहाये

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कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए भूपेश सरकार प्रतिबद्ध
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा कर्मचारी आंदोलन पर घडिय़ाली आंसू मत बहाये भाजपा का चरित्र मूल रूप से कर्मचारी विरोधी है। 15 साल तक भाजपा राज्य में कर्मचारियों की नियमित भर्ती बंद कर दिया था। मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के बकाया 55 हजार करोड़ रू. दे दे तो राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों की मांगो के साथ अनेक योजनाओं को पूरा करने में कोई परेशानी नहीं होगी। भूपेश सरकार की प्राथमिकता में कर्मचारी है। छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार कर्मचारियों के हित के लिए हमेशा से ही फैसले लेते रही है। कर्मचारियों को हड़ताल की बजाय सरकार पर भरोसा करना चाहिये। कोरोना काल में जब केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतन भत्ते में 31 प्रतिशत तक कटौती किया तब भी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने कर्मचारियों के भत्ते में एक रू. की कटौती नहीं किया था। देश की सभी राज्य सरकारों ने अपने यहां छटनी किया। छत्तीसगढ़ सरकार अपने कर्मचारियों के साथ खड़ी थी आगे भी सरकार कर्मचारियों के हितो के साथ खड़ी है। महंगाई से कर्मचारियों के साथ पूरा देश पीडि़त है। देश का हर वर्ग महंगाई के खिलाफ आक्रोशित हैं मोदी सरकार की मुनाफा खोरी वाली नीति के खिलाफ आटा, दाल, पनीर, पेट्रोल, डीजल, अनाज रोजमर्रा का समान सभी कुछ महंगा हो गया है। आंदोलन महंगाई भत्ते के लिये नहीं बढ़ती महंगाई के खिलाफ होना चाहिये।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के पिछले साढ़े तीन साल के फैसले बताते है कि कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के हितों के लिये संवदेनशील है। जिस पेंशन के सहारे रिटायर्ड कर्मचारी अपना जीवन स्वाभिमान पूर्वक व्यतीत करते थे उस पुरानी पेंशन योजना को कर्मचारी विरोधी भाजपा सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने रिटायर्ड कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए और उन्हें स्वाभिमानी व आत्मनिर्भर जीवन देने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया। कर्मचारियों के भविष्य और बुढ़ापे को सुरक्षित रखने के इस कवायद पर भी मोदी सरकार अड़ंगा लगा रही है। इस योजना को असफल करने के लिए मोदी सरकार 17240 करोड रुपए जो कि राज्य के कर्मचारियों की मेहनत का पैसा है और नई पेंशन योजना के तहत पेंशन फंड रेगुलेटरी एवं डेवलपमेंट अथॉरिटी में जमा की गई है उसे लौटाने को तैयार नहीं हो रही है। शासकीय कर्मचारियों के हित में अंशदाई पेंशन योजना के अंतर्गत राज्य सरकार का अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया है।
शुक्ला ने कहा कि कोरोनाकाल में भी भूपेश सरकार ने कर्मचारियों के सातवें वेतनमान के बकाये का भुगतान किया था। शिक्षकों और शिक्षा कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए हुए 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन शिक्षक के रूप में कर दिया गया है, इसके साथ ही प्रधान पाठक शिक्षक और व्याख्याता के पदों पर पदोन्नति में 5 वर्ष के अनुभव को एक बार के लिए शिथिल करते हुए घटाकर 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर पदोन्नति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अनुकंपा नियुक्ति के लंबित आवेदनों पर 10 प्रतिशत की सीलिंग हटाकर संवेदनशीलता से त्वरित निर्णय लेते हुए 3155 से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों को साप्ताह में आराम देने के लिए 5 दिन के कार्य दिवस की शुरूआत किया गया। कर्मचारी संगठनों से कांग्रेस पार्टी अपील करती है कि वे हड़ताल का रास्ता छोड़ कर काम पर वापस आये। सरकार पर भरोसा रखे सरकार उनके हितों में सभयानुकूल अवश्य निर्णय लेगी।

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