TEACHERS PAY SCALE HIGH COURT ORDDER : क्रमोन्नत वेतनमान पर शिक्षकों की उम्मीदें बढ़ीं, हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को दिए निर्देश

TEACHERS PAY SCALE HIGH COURT ORDDER : Teachers’ expectations increased on the upgraded pay scale, High Court gave instructions to the education department
रायपुर, 19 मार्च 2025। TEACHERS PAY SCALE HIGH COURT ORDDER छत्तीसगढ़ के शिक्षकों के लिए क्रमोन्नत वेतनमान का मुद्दा फिर गरमा गया है। सुप्रीम कोर्ट के बाद अब हाईकोर्ट ने भी सोना साहू के वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं। मंगलवार को हाईकोर्ट में अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें शिक्षा सचिव को भी उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन वे अनुपस्थित रहे।
हाईकोर्ट में शिक्षक संगठनों की मजबूत उपस्थिति
TEACHERS PAY SCALE HIGH COURT ORDDER सुनवाई के दौरान शिक्षक संगठनों के कई पदाधिकारी कोर्ट में मौजूद रहे। इनमें सर्व शिक्षक कल्याण समिति के संरक्षक मनीष मिश्रा, अध्यक्ष बसंत कौशिक, शेषनाथ पांडेय, रविंद्र राठौर, कौशल अवस्थी, रंजीत बनर्जी, सुरेश कुमार नेताम, दिनेश कुमार नायक, अशोक धुर्वे और प्रकाश बघेल शामिल थे।
23 अप्रैल तक भुगतान का आश्वासन
TEACHERS PAY SCALE HIGH COURT ORDDER हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने बताया कि सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान के तहत मिलने वाली राशि का भुगतान 23 अप्रैल तक कर दिया जाएगा। सरकार की ओर से कोर्ट में यह आश्वासन दिया गया कि तय समयसीमा के भीतर वेतनमान संबंधी राशि शिक्षकों को दे दी जाएगी।
सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकती है!
TEACHERS PAY SCALE HIGH COURT ORDDER सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले को हायर बेंच में चुनौती देने की योजना बना रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को वकील नियुक्त किया था, लेकिन पहली ही सुनवाई में SLP (स्पेशल लीव पिटीशन) को खारिज कर दिया गया।
अब राज्य सरकार के सामने नई चुनौती है कि क्या वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका के रूप में ले जाएगी या नहीं। सरकार को इसके लिए 1 महीने के भीतर कानूनी कदम उठाने होंगे।
क्या मिलेगा शिक्षकों को न्याय?
TEACHERS PAY SCALE HIGH COURT ORDDER हाईकोर्ट द्वारा 23 अप्रैल तक भुगतान का निर्देश दिए जाने से शिक्षकों को राहत जरूर मिली है, लेकिन अगर सरकार इस मामले को फिर से चुनौती देती है, तो यह मामला और लंबा खिंच सकता है। अब देखना होगा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करती है या शिक्षकों को जल्द उनका हक मिल जाता है।