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sunday special: दुनिया का सबसे खतरनाक बॉर्डर, बिना गोली चले हो गई 4000 लोगों की मौत, कुछ रहस्‍यमय तरीके से हो गए गायब

  • टेक्सास के ईगल पास को पार करने की कोशिश के बाद रियो ग्रांडे में कम से कम नौ शरणार्थियों के शव मिले हैं
  • सीमा पर डेल रियो सेक्टर अवैध रूप से सीमा पार करने का सबसे व्यस्त स्थान बन गया है
  • इस सेक्‍टर से करीब 400 किलोमीटर लंबी नदी रियो ग्रैंड गुजरती है

टेक्सास: अमेरिकी राज्य टेक्सास के ईगल पास में बेहद खतरनाक सीमा को पार करने की कोशिश के बाद रियो ग्रांडे में कम से कम नौ शरणार्थियों के शव मिले हैं। अमेरिका और मैक्सिको बॉर्डर प्रोटेक्‍शन के अधिकारियों की तरफ से यह जानकारी दी गई है। अमेरिका के कस्‍टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्‍शन (सीबीपी) और मेक्सिको के अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों के एक समूह ने भारी बारिश के बाद क्षेत्र से गुजरने वाली एक नदी को पार करने की कोशिश की।

गिरफ्तार होते हैं शरणार्थी
सीबीपी के एक बयान के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों को छह शव मिले जबकि मेक्सिको के दलों ने दो अन्य शव बरामद किए। अमेरिकी अधिकारियों ने नदी से 37 अन्य लोगों को निकाला तथा 16 और शरणार्थियों को हिरासत में लिया जबकि मेक्सिको के अधिकारियों ने 39 शरणार्थियों को हिरासत में लिया। सीबीपी ने यह नहीं बताया कि शरणार्थी किस देश के थे तथा उन्होंने बचाव एवं खोज अभियान पर और कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं दी।

सीमा पर डेल रियो सेक्टर अवैध रूप से सीमा पार करने का सबसे व्यस्त स्थान बन गया है। इसमें ईगल पास भी शामिल है। यह क्षेत्र जल्द ही टेक्सास के रियो ग्रांडे वैली को पीछे छोड़ सकता है जो पिछले एक दशक से अवैध रूप से सीमा पार करने का सबसे मुफीद स्थान रहा है। सीबीपी ने पिछले महीने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया था कि उसे अक्टूबर से जुलाई तक इस क्षेत्र में 200 से अधिक शरणार्थियों के शव मिले हैं।

डेल रियो सेक्‍टर से जुलाई माह में करीब 50,000 शरणार्थियों ने सीमा पार करने की कोशिशें कीं। जबकि रियो ग्रैंड में यह आंकड़ा करीब 35,000 लोगों का है। ईगल पास अमेरिकी शहर सैन एटोनियो के दक्षिण-पश्चिम से करीब 225 किलोमीटर दूर है।

शरणार्थियों की पसंदीदा जगह
ईगल पास को पार करके आसानी से अमेरिका में दाखिल हुआ जा सकता है। हाल के कुछ दिनों में यह जगह शरणार्थियों की पसंदीदा जगह बन गई है। यह अब दुनिया का सबसे बिजी कॉरिडोर बन गया है जहां से अवैध तरह से सीमा पार की जा सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है यहां पर ड्रग तस्‍करों का ना होना और ऐसे में शरणार्थी इसे सुरक्षित जगह समझते हैं।

सेंट्रल अमेरिका और और मैक्सिको पॉलिसी इनीशिएटिव से जुड़ी स्‍टेफनी लॉरेट कहती हैं कि यह जगह शरणार्थियों को उन शहरों से दूर कर देती है जो खतरनाक हैं। इस सेक्‍टर से करीब 400 किलोमीटर लंबी नदी रियो ग्रैंड गुजरती है। इस नदी की वजह से ही ईगल पास सबसे खतरनाक बॉर्डर बन जाता है। इस नदी का बहाव कभी भी बदल जाता है। इसके अलावा यह काफी तेजी से बहती है। इस नदी को पार करने में ही शरणार्थियों की जान चली जाती है।

सबसे खतरनाक नदी में गायब हुए लोग
स्‍टेफनी कहती हैं कि कुछ जगहों पर नदी का पानी बहुत कम रहता है और इसे पार किया जा सकता है। लेकिन कुछ जगहों पर यह काफी खतरनाक हो जाती है। अगर आप बच्‍चों के साथ इसे पार कर रहे हैं या फिर किसी ऐसे इंसान की मदद ले रहे हैं जिसे ठीक से तैरना नहीं आता तो फिर खतरा चार गुना तक बढ़ जाता है। जुलाई में सीबीपी की तरफ से जारी एक रिलीज में कहा गया था कि अक्‍टूबर से लेकर जुलाई तक उन्‍हें इस सेक्‍टर से 200 से ज्‍यादा शरणार्थियों के शव मिलते हैं। कई बार तो लोग गायब हो जाते हैं और फिर कभी नहीं मिलते हैं।

डूबने और डि-हाइड्रेशन से मौत
अमेरिका और मैक्सिको का बॉर्डर करीब 3110 किलोमीटर लंबा है। यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में यहां पर सबसे ज्‍यादा मौतें दर्ज हुईं। इससे पहले साल 2014 में रेकॉर्ड सबसे ऊपर था। साल 2014 के बाद से अब तक यहां पर 4000 लोगों की मौत हो चुकी है। साल 2021 में 728 और फिर साल 2022 के सात महीनों के अंदर ही श्‍हां 412 लोगों की जान जा चुकी है। जून यहां चौथा सबसे खतरनाक महीना होता है। इस साल इस महीने में यहां 138 लोगों की जान गई थी। ज्‍यादातर लोगों की मौत या तो डूबने से होती है या फिर डि-हाइड्रेशन से।

साल 2020 से बॉर्डर पेट्रोल ने मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा नहीं दिया है। अक्‍सर नीतियों को लेकर सरकार की आलोचना हुई है लेकिन बात कभी आगे नहीं बढ़ी है। नदी में इतनी मौतें होती हैं कि सीबीपी गिनने में भी असमर्थ हो जाती है। अमेरिकी जमीन पर कितने लोगों की मौत हुई इस बारे में सीबीपी कभी अनुमान तक नहीं लगा सकी है। एजेंसी ने खुद माना है कि उसके आंकड़ें सही नहीं हो सकते हैं।

फिर भी जाना है अमेरिका
विशेषज्ञों के मुताबिक यहां का सफर अपने आप में काफी खतरनाक होता है। शरणार्थियों का मालूम होता है कि नदी को पार करना खतरे से खाली नहीं है, पहाड़ चढ़ना यानी अपनी जान जोखिम में डालना। एक विदेशी के तौर पर मैक्सिको को पार करना भी खतरनाक होता है। लेकिन वो ये सबकुछ करना चाहते हैं क्‍योंकि उन्‍हें अमेरिका में एक बेहतर जीवन जीने की तमन्‍ना होती है। ईगल पास से गुजरने वाले शरणार्थियों में सबसे ऊपर वेनेजुएला के लोग होते हैं, इसके बाद क्‍यूबा, मैक्सिको, होंडुरास, निकारागुआ और फिर कोलंबिया का नंबर आता है।

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