भिलाई। दुर्ग जिले में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की आपसी फूट शनिवार को सबके सामने आ गई। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय के सामने ही दुर्ग सांसद विजय बघेल और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय के बीच वाद विवाद शुरू हो गया। सांसद बघेल ने संगठन की मजबूती को लेकर अपनी बात रखी तो राकेश पांडेय ने इसे संगठन और कार्यकर्ताओं का अपमान बता डाला। राकेश ने सांसद को यहां तक कह डाला कि संगठन बढ़िया काम कर रहा है नसीहत न दें।
दरअसल, 16 मई को भाजपा प्रदेश सरकार के खिलाफ जेल भरो आंदोलन कर रही है। इसे लेकर प्रदेश के संगठन महामंत्री पवन साय ने दुर्ग में भाजपा की एक बैठक बुलाई थी। बैठक में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद हुए थे। संगठन महामंत्री पवन साय के बाद सांसद विजय बघेल ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को चार्ज करने की नीयत से काफी बातें कहीं। सांसद बघेल ने कहा कि संगठन को मजबूत होना पड़ेगा। अब सोनार नहीं, लोहार की तरह काम करना होगा।
सांसद बघेल ने कहा कि दुर्ग-भिलाई में संगठन की सक्रियता पर सवाल उठते हैं। प्रदर्शन में कुछ लोग मौजूद होते हैं। अब इसकी संख्या बढ़ानी होगी। 2003 में भाजपा का संगठन ज्यादा मजबूत था।उस समय कोई आंदोलन होता था तो कार्यकर्ताओं की भीड़ देखते बनती थी। आज वो बात नहीं है।
दुर्ग सांसद की ये बात सुनते ही भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य राकेश पांडेय भड़क गए। उन्होंने माइक अपने हाथ में लिया और कहा कि, बार-बार संगठन के कार्य और कार्यकर्ताओं पर प्रश्न चिन्ह लगाना कार्यकर्ता एवं संगठन का अपमान है। हमें इससे बचना चाहिये। संगठन सर्वोपरि है संगठन से ऊपर कुछ भी नहीं है। उन्होंने सांसद को यहां तक कह दिया संगठन बढ़िया कार्य कर रहा है, इस पर नसीहत न दें।
सांसद के बयान से पदाधिकारी भी नाराज
बैठक के दौरान दुर्ग सांसद के बयान की काफी किरकिरी हुई। भाजपा के जिलाध्यक्ष विरेंद्र साहू ने कहा कि पीड़ा महसूस होती है उनके लगातार ऐसे बर्ताव से। भाजपा नेता चंद्रिका चंद्राकर ने कहा जब जब भी बैठक हुई उन्होंने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराया है। प्रदेश मंत्री ऊषा टावरी ने कहा, संगठन की अवहेलना क़तई बर्दाश्त नहीं होगी। पूर्व विधायक सांवला राम डहरे ने कहा, कार्यकर्ताओं को बार बार कठघरे में खड़ा करना उचित नहीं है। सांसद के बयान के विरोध में संगठन के पदाधिकारियों ने रोष जताते हुए कहा कि हम अपना संसाधन लगाकर व संगठन मे अपना समय लगा कर काम करते हैं। इसी का परिणाम है कि 15 वर्षों तक भाजपा सत्ता में रही। पूरी निष्ठा से सभी कार्यकर्ता संघठन का कार्य करते हैं, उनकी निष्ठा पर इस तरह प्रश्न चिन्ह लगाना सही नहीं है।