कांग्रेस विधायक का बड़ा बयान, कहा- जशपुर में बाहरी आये राजनीतिक मकसद को पूरा करने बरगला रहें
जशपुर : जशपुर में हुए घटना का पुरजोर विरोध करता हूँ किसी भी प्रकार से किसी की भी धार्मिक भावनाऐं आहत करना उचित नहीं है. हमारा देश संविधान के अनुसार उसके नियमों के अनुसार चलता है इसका तात्पर्य यह नहीं है कि आप दूसरे की भावनाओं को ठेस पंहुचाते रहें यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है।
बीते 4 सितम्बर को राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के 112वे अधिवेशन के मौके पर जशपुर में राष्टरीय आदिवासी नेता के भड़काऊ बयान पर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नही ले रहा है ।प्रेम कुमार गेडाम के खिलाफ एफआईआर करके गिरफ्तार करने की मांग के बाद अब भाजपा नेताओ के रडार में वो लोग भी आ गए हैं जो प्रेम कुमार गेडाम के भड़काऊ भाषण पर सिटी और ताली बजा रहे थे ।
उन्होंने कहा कि हमारा देश सर्वधर्म समभाव के निहित उद्देश्य को लेकर चलता है इसमें किसी भी प्रकार से ऐसे तत्वों एवं विचारों को जगह नहीं मिलनी चाहिए जो कि उन्माद को बढ़ावा दे उसे संरक्षण दे. रही बात जशपुर में इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए यह संतो की धरती है यहाँ परमपूज्य गहिरा गुरु और परम्पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम ने अपनी कर्म स्थली बनाया, बाबा मलंग शाह बाबा ने अपनी आराधना एवं तप के लिए जशपुर की धरती को चुना, एशिया का सबसे बड़ा चर्च भी यहीं है यहाँ के सभी एक दूसरे से आध्यात्मिक रूप से जुड़े परस्पर एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते है. इसलिए यहाँ आपसी प्रेम भाईचारा एक पहचान बनी हुई है यह हमारी संस्कृति की एक झलक भी है ।
कुछ बाहर से आये हुए लोग यहाँ के लोगों अपने राजनीतिक मकसद को पूरा करने बरगला रहें है और आपस विद्वेष फैला रहें एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर यदि अपना उल्लू सीधा करना चाह रहें है तो हम इसका विरोध करते है और सभी लोगों से अनुरोध करते है कि ऐसे लोगों के बातों में न आयें न ही इन्हें जशपुर जिले में संरक्षण दे. उन्होंने कहा कि ऐसे ही लोग समाज में अपनी दूषित विचारधारा नकरात्मक बातें फैला कर आपसी भाई चारा को तोड़ने का काम करते इनसे दूर रहने की आवश्यकता है.
विधायक एवं संसदीय सचिव यू डी मिंज ने कहा की जशपुर की शांत फिजा में कोई भी हो अगर किसी के भी धार्मिक भावनाएं आहत करता है तो उससे सावधान रहने की जरुरत है. ऐसे धार्मिक उन्माद भड़काने वाले के ऊपर कड़ी कार्यवाही की मांग करता हूँ साथ ही शासन से अनुरोध करता हूँ.सोशल मंच की कड़ी निगरानी की जावे और इस तरह के कार्यक्रम की इजाजत किसी को भी किसी भी सूरत में नही दी जानी चाहिए , जिले में आपसी सौहार्द बिगाड़ने वालों पर स्वतः संज्ञान लेकर प्रशासन को कारवाई करनी चाहिए.