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INDIA & JAPAN : चीन को सबक सिखाने भारत और जापान साथ, रक्षा सहयोग बढ़ाने और लड़ाकू विमानों के अभ्यास में शामिल होने पर बनी सहमति

INDIA & JAPAN: India and Japan together to teach a lesson to China, agree to increase defense cooperation and engage in fighter aircraft exercises

नई दिल्ली| विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा से शुक्रवार को मुलाकात की और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के हितों और नीतियों के निकट समन्वय की महत्ता को रेखांकित किया। सिंह और जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा और रक्षा मंत्री हमदा यासुकाजु के साथ बृहस्पतिवार को ‘टू प्लस टू’ वार्ता’ में भाग लिया था।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया ट्वीट –

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी ‘टू प्लस टू’ बैठक के बाद प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा से बात करके खुशी हुईं। भारत और जापान के हितों एवं उनकी नीतियों के बीच निकट समन्वय के महत्व को रेखांकित किया।’’ उन्होंने कहा कि बैठक में भरोसा जताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किशिदा ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने को लेकर जो रूपरेखा तैयार की है, उसे जल्द ही अमलीजामा पहनाया जाएगा।

राजनाथ सिंह ने भी किया ट्वीट –

सिंह ने ट्वीट किया कि भारत और जापान के बीच साझेदारी की क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका होगी। सिंह ने इस बैठक के दौरान जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबो के निधन पर शोक व्यक्त किया। आबे का एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान गोली मारे जाने के बाद 8 जुलाई को निधन हो गया था। भारत और जापान ने गुरुवार को दूसरी ‘टू प्लस टू वार्ता’ के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने और लड़ाकू विमानों के पहले अभ्यास सहित और अधिक सैन्य अभ्यासों में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की।

जापान की योजनाओं को दिया समर्थन –

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच दोनों देशों की विशेष द्विपक्षीय रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी एक स्वतंत्र, मुक्त और कानून-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत ने आक्रामक चीन को रोकने के एक स्पष्ट प्रयास के तहत ‘‘जवाबी हमले की क्षमताओं’’ सहित रक्षा बलों के विस्तार और आधुनिकीकरण की जापान की योजनाओं को भी अपना समर्थन दिया।

जापान और भारत क्वाड के सदस्य हैं –

बयान में किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा गया कि जापान ने ‘‘तथाकथित ‘जवाबी हमले की क्षमताओं’ सहित राष्ट्रीय रक्षा के लिए आवश्यक सभी विकल्पों की समीक्षा करने का संकल्प भी व्यक्त किया।’’ जापान और भारत चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद यानी ‘क्वाड’ के सदस्य हैं, जिसमें अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। यह एक रणनीतिक समूह है, जिसे कुछ लोग हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अहम मानते हैं।

चीन लगभग सारे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं।

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