गजराज की मौत पर वन विभाग की चुप्पी, लोगों मे आक्रोश, प्रभारी रेंजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सौंपा ज्ञापन

बलौदाबाजार। जिले के कसडोल उपवनमंडल के देवपुर परिक्षेत्र में हाथी के करंट से मौत के मामले में वनरक्षक को निलंबित करने सहित सहायक परिक्षेत्र अधिकारी एवं प्रभारी डिप्टी रेंजर पंचराम यादव के विरुद्ध कोई उचित कार्रवाई नहीं होने से वन प्रेमियों में वन विभाग के उच्च अधिकारियों के द्वारा एक तरफा कार्रवाई पर असन्तोष व्याप्त के चलते विरोध आमजन सहित सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री, वनमंत्री और पीसीसीएफ के नाम उपमंडल कसडोल के एसडीओ को ज्ञापन सौंपा गया। इधर इस घटना ने अब जंगल के अधिकारियों के संवेदनशीलता और जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़ा करना प्रारंभ कर दिया है।
करंट लगने से हुई थी हाथी की मौत
विशालकाय गजराज की मौत एक सप्ताह पहले करंट से मौत होने के बाद लगातार आमजन सहित हर समुदाय के लोगो का जन आक्रोश देखते नहीं बनता। विभाग के पीसीसीएफ ने प्रभारी रेंजर को हटाने की कार्रवाई की है। जबकि उक्त आदेश में प्रभारी डिप्टी रेंजर को दोषी माना है इसके साथ ही आदेश में गैर जिम्मेदार, लापरवाही सहित डिप्टी रेंजर को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अधिनियम 1965 का भी उल्लघंन पाया गया। बावजूद विभाग ने उक्त अधिकारी को हटा कर उन्ही को विशेष कर्तव्य के पद पर नियुक्ति किया है, जबकि उक्त गैर जिम्मेदार अधिकारी को निलंबन किया जाना था। लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं करने पर अब अधिकारियों की कार्यप्रणाली और कार्रवाई पर सवालिया निशान लग रहा है। जिससे ग्रामीणों सहित कई सामाजिक संगठनों ने विरोध दर्ज कराया भी है।
आपको बता दे कि एक सप्ताह पहले हुये करंट से हाथी की मौत मामले में वसुंधरा सामाजिक सेवा संस्थान कसडोल के अध्यक्ष अनुराग मिश्रा, भाजपा जिला मंत्री राजकुमार साहू और बहुजन ससक्तिकरण के प्रदेशाध्यक्ष मोतीलाल बंजारे ने सोमवार को मुख्यमंत्री, वनमंत्री और पीसीसीएफ के नाम कसडोल उपवनमण्डल के एसडीओ राकेश चौबे को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में बताया कि उपवनमंडल कसडोल के अंतर्गत सभी वन परिक्षेत्र देवपुर क्षेत्र में शिकार की घटनाएं लगातार होने की खबर आती रहती हैं। अचरज की बात यह है इतने संवेदनशील मामले में वन्य जीव की मौत के बाद भी विभाग के डीएफओ मयंक अग्रवाल द्वारा अभी तक सिर्फ वनरक्षक पर ही कार्रवाई की गई है। इस घटना के लिए प्रभारी डिप्टी रेंजर पंचराम यादव भी उतने जिम्मेदार है, सभी संगठनों ने एक साथ इस पूरे मामले की जांच कर सम्बंधित वनकर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है।