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DONALD TRUMP DECISION : ट्रंप प्रशासन में भारत समर्थक माइक वॉल्ट्ज की नई भूमिका ! चीन को झटका

DONALD TRUMP DECISION: New role for India supporter Mike Waltz in Trump administration! Shock to China

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के बाद से, डोनाल्ड ट्रंप ने माइक वॉल्ट्ज को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया है. वॉल्ट्ज, अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस के प्रमुख, अमेरिका की मजबूत सुरक्षा नीति की वकालत करते हैं। अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस के प्रमुख माइक वॉल्ट्ज देश की सुरक्षा को और मजबूत करने के ट्रंप के वादों के दृढ़ समर्थक हैं. वह रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य ईस्ट में लंबे समय से चल रहे युद्धों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

सीनेट के इंडिया कॉकस में 40 सदस्य हैं, जो 2004 में न्यूयॉर्क की पूर्व सीनेटर हिलेरी क्लिंटन और सीनेटर जॉन कॉर्निन ने बनाया था और सीनेट में सबसे बड़ा कॉकस है. माइक वॉल्ट्ज ने 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान कैपिटल हिल में उनके ऐतिहासिक भाषण की व्यवस्था करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

माइक वाल्ट्ज ने नेशनल गार्ड में कर्नल के रूप में काम किया है और उन्हें एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के खिलाफ एक दृढ़ आलोचक के रूप में जाना जाता है. इस क्षेत्र में हमेशा वे अमेरिका को संभावित संघर्षों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर देते रहे हैं. वाल्ट्ज का अनुभव और ज्ञान निश्चित रूप से ट्रंप प्रशासन की सुरक्षा नीति को एक नई दिशा देने में सहायक साबित हो सकते हैं.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का महत्व –

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एक अत्यंत महत्वपूर्ण पद है जो सीधे राष्ट्रपति को सलाह देता है. इस पद को सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए इसे राष्ट्रपति की पसंद के अनुसार भरा जा सकता है. इस नियुक्ति से ये भी संकेत मिलते हैं कि ट्रंप अपनी रणनीति को और अधिक सशक्त और गतिशील बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं; वाल्ट्ज इस पद पर रहते हुए ट्रंप को प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर जानकारी देने और विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ समन्वय करने की जिम्मेदारी होगी.

चीन के खिलाफ ट्रंप का नया रुख –

माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाने से स्पष्ट है कि ट्रंप प्रशासन चीन पर अपनी नीति को और कठोर करने जा रहा है. अमेरिका ने पहले से ही चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, और वाल्ट्ज के साथ इस मोर्चे पर और भी अधिक दबाव बनाने की संभावना है.

वाल्ट्ज का चीन के प्रति आलोचनात्मक रुख ट्रंप की राय को और मजबूत कर सकता है, जिससे आने वाले समय में दोनों देशों के बीच रिश्तों में और कमी आ सकती है.

कौन हैं माइक वॉल्ट्ज? –

50 साल के माइक एक रिटायर्ड आर्मी नेशनल गार्ड हैं. वह तीन बार फ्लोरिडा को संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, हाउस आर्म्ड सर्विसेज सबकमेटी के चेयरमैन और सदन की विदेश मामलों की समिति के मेंबर रहे हैं. माइक ने वर्जीनिया मिलिट्रई इंस्टीट्यूट से ग्रैजुएशन किया है और फ्लोरिडा गार्ड में शामिल होने से पहले चार साल तक सेना में काम किया था. वह पेंटागन में नीति सलाहकार के तौर पर काम कर चुका है और अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और अफगानिस्तान में युद्ध कर चुका है.

 

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