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CG POLITICS : कांग्रेस टिकिट के प्रबल दावेदार सतीश अग्रवाल पार्टी से खफा, निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव ?

CG POLITICS: Strong contender for Congress ticket, Satish Aggarwal is upset with the party, will he contest the elections as an independent?

भाटापारा। पार्टी से टिकिट नहीं मिलने पर बगावत कर चुनावी मैदान में उतरना कोई नई बात नहीं है। टिकिट वितरण के बाद इन हालातों कमोबेश सभी पार्टियो को गुजरना पड़ता है मानमनौवल्ल का दौर भी चलता लेकिन हालात उस समय सबसे बुलंद होते हैं।

भाटापारा की राजनीतिक फ़िजा में कांग्रेस में यही हालात नजर आ रहें हैं। इस क्षेत्र से कांग्रेस टिकिट के प्रबल दावेदार सतीश अग्रवाल टिकिट नहीं मिलने से पार्टी से जितने खफ़ा हैं उससे अधिक आक्रोशित उनके समर्थक हैं। ये समर्थक सतीश अग्रवाल पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इस पर अभी सतीश ने अपना रूख साफ नहीं किया है। आक्रोशित कार्यकर्ता आज दिनभर सतीश अग्रवाल के मकान के बाहर उनके समर्थन में नारेबाजी करते हुए पार्टी को कोसते रहे।समर्थकों की मांग है कि सतीश अग्रवाल निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में रहे और उनकी जीत सुनिश्चित है। बता दे की सतीश अग्रवाल बीते 5 वर्षों से लगातार शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं सभी समाज के कार्यक्रमों में उनका आना-जाना रहा है।

बड़ी संख्या में सतनामी समाज आदिवासी समाज यादव समाज साहू समाज के लोग सतीश अग्रवाल के निवास पहुंचे और अपनी नाराजगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रति जाहिर की अनेक कार्यकर्ताओं ने यहां तक कह दिया कि जब मन से ही कांग्रेस पार्टी को टिकट देना रहता है तो सर्वे और 5 साल की मेहनत का क्या मोल है। रामाधार ध्रुव मोहन निषाद पूजा ध्रुव दुर्गेश वर्मा जगमोहन निषाद राम सिंह ध्रुव प्रमिला साहू प्रेम घिटोड़े हेमिन धुरु काशीराम ध्रुव कलीराम ध्रुव सहदेव ध्रुव द्वारिका यादव अनिल धृत लहरें हरीश लहरे सहित काफी बड़ी संख्या में लोग सतीश अग्रवाल के निवास पहुंचकर सतीश अग्रवाल जिंदाबाद के नारे लगाते रहे और कांग्रेस के बड़े नेताओं की मनमानी पूर्ण पर आपत्ति दर्ज कराई।

इस मामले में जब सतीश अग्रवाल से बात करने की कोशिश की गई तो उनसे बात नहीं हो पाई वह काफी ज्यादा व्यस्त रहे कार्यकर्ताओं से घिरे रहे। सतीश अग्रवाल के निवास पर पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस प्रत्याशी कौन है कोई शहर में उन्हे ठीक से जानता है ना ही ग्रामीण क्षेत्र में ना ही 5 साल में उनकी कोई सक्रियता दिखाई दी । पार्टी ने किस आधार पर इन्द् कुमार साव को टिकट दी है यह समझ से परे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

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