CG NEWS: बिलासपुर: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की कार्यशैली में गंभीर लापरवाही सामने आने पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। खेल अधिकारी की नियुक्ति के मामले में हुई चूक को देखते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि वेटिंग लिस्ट में पहले स्थान पर रहे योग्य अभ्यर्थी नीलकंठ कुमार साहू को 8 सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी किया जाए।
मृत अभ्यर्थी को जारी किया गया था नियुक्ति आदेश
मामला CGPSC की अधिकारियों की लापरवाही से जुड़ा है। अधिकारियों की गलती के कारण गरियाबंद के एक योग्य अभ्यर्थी नीलकंठ कुमार साहू नौकरी से वंचित हो गए, जबकि एक मृतक अभ्यर्थी के नाम पर नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया था।
पूरा मामला क्या है?
विज्ञापन: 6 मार्च 2019 को स्पोर्ट्स ऑफिसर के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया।
परिणाम और वेटिंग लिस्ट: इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी होने के बाद सितंबर 2020 में परिणाम जारी हुआ। इसमें गरियाबंद निवासी नीलकंठ कुमार साहू को ओबीसी वर्ग की वेटिंग लिस्ट में पहले स्थान पर रखा गया।
पद रिक्त हुआ: ओबीसी वर्ग से चयनित अमित वर्मा की जॉइनिंग से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई, जिससे पद रिक्त हो गया।
अभ्यर्थी को वंचित किया गया: नीलकंठ साहू ने वेटिंग लिस्ट की वैधता अवधि के भीतर PSC को पद रिक्त होने की जानकारी दी और नियुक्ति का दावा किया। बावजूद इसके, आयोग के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की और नीलकंठ साहू को नियुक्ति से वंचित रखा।
हाईकोर्ट का सख्त फैसला
नीलकंठ साहू ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नीलकंठ साहू के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मृतक अभ्यर्थी के रिक्त स्थान पर वेटिंग लिस्ट के पहले दावेदार नीलकंठ साहू को 8 सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र जारी किया जाए।
