CG BIG NEWS: Before the death of the youth, the private hospital removed the kidney
बिलासपुर। निजी अस्पताल में इलाज के दौरान घायल युवक की मौत के पहले किडनी निकालने की शिकायत के बाद कलेक्टर के आदेश पर शव को कब्र खोदकर निकाला गया है।
14 अप्रैल को बाइक सवार पचपेड़ी थाना इलाके के सोन लोहरसी ग्राम के 62 वर्ष के धरमदास और दुर्गेश को स्कार्पियों ने टक्कर मारी थी। दोनों को इलाज के लिए बिलासपुर के स्वास्तिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। तबीयत में सुधार न होने पर धर्मदास को बाद में एक अन्य निजी अस्पताल प्रथम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 20 अप्रैल को धर्मदास की मौत हो गई। इस दौरान उसके बेटे सोमदास ने प्रथम हॉस्पिटल में रोजाना बिल का भुगतान किया और मृत्यु हो जाने के बाद इलाज के दस्तावेज और भुगतान की रसीद मांगी। बेटे ने बताया कि न तो उसको भुगतान की रसीद दी गई और न ही पोस्टमार्टम के लिए शव को रेफर किया। शाम को जब परिजन अंतिम संस्कार के लिए गांव ले गए तो उसे नहलाने के दौरान परिजनों ने देखा कि मृतक के पेट में ऑपरेशन का लंबा सा चीरा लगा है। शव को रोका नहीं जा सकता था इसलिए उन्होंने अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद उन्होंने थाने में शिकायत की कि हॉस्पिटल में मृतक की किडनी निकाले जाने की आशंका है। उनके पेट में लंबा चीरा है जबकि दुर्घटना के कारण वहां कोई चोट नहीं आई थी। पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की तब उन्होंने बिलासपुर पहुंचकर कलेक्टर एसपी को ज्ञापन दिया और जांच की मांग की। कलेक्टर के आदेश पर मृत्यु के 27 दिन बाद शव को कब्र खोलकर बाहर निकाला गया है और उसका फिर से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पुलिस ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर हॉस्पिटल प्रबंधन ने किडनी निकालने के आरोप को बेबुनियाद बताया है।