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BREAKING : NCP कोर कमेटी की बैठक में शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर

BREAKING: Sharad Pawar’s resignation rejected in NCP core committee meeting

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की कोर कमेटी ने एक बैठक कर शरद पवार का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. पार्टी लगातार पवार से अपना इस्तीफा वापस लेने का आग्रह कर रही थी और आज भी नेताओं ने वहीं आग्रह किया. अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पवार कमेटी के फैसले पर अमल करते हैं या इसे खुद नामंजूर कर देते हैं. एनसीपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कोर कमेटी के संयोजक प्रफुल्ल पटेल ने पवार के इस्तीफे को नामंजूर करने वाला प्रस्ताव को बैठक में रखा जिसे एकसुर में सभी सदस्यों ने नामंजूर कर दिया. इस दौरान दफ्तर के बाहर एक एनसीपी कार्यकर्ता ने खुद पर केरोसीन छिड़कर आत्मदाह करने की भी कोशिश की.

10 मिनट के अंदर लिया फैसला –

एनसीपी की बैठक शुरू होने के 10 मिनट के अंदर पवार के इस्तीफे को नामंजूर करने का फैसला ले लिया गया. यानि कमेटी पहले से ही एजेंडा तय करके आई थी. सभी नेता अब शरद पवार को मनाने जाएंगे. पार्टी नेता मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है, ऐसे में पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए फैसले लेना कठिन होगा. पार्टी नेता पवार से कह सकते हैं कि आप पार्टी अध्यक्ष पर बने रहें और जो बदलाव करें वो करें.

पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही ये बात –

प्रफुल्ल पटेल ने इस बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ‘सभी लोगों ने उस समय भी शरद पवार को मनाने की कोशिश की. इसके बाद मेरे जैसे पार्टी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की और इस्तीफा वापस लेने को कहा. तब से हम उनको बार-बार अनुरोध कर रहे हैं कि आज देश और पार्टी को आपकी जरूरत है. आपके बिना यह पार्टी नहीं चल पाएगी और आप इस पार्टी के आधारस्तंभ हैं. आपको पता है कि शरद पवार पूरे देश में एक सम्मानित नेता हैं. आपके चाहने वाले हर राज्य में हैं और उनका प्रभाव कई जगहों पर दिखाई देता है. हम बादल साहब के अंतिम संस्कार में गए थे तो वहां भी कई लोगों ने कहा कि आपकी वजह से यहां के किसान खुशहाल हैं.’

बैठक में पारित किए प्रस्ताव का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा, ‘पिछले दो तीन दिनों में कई कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाएं हमारे तक पहुंचाई है. सभी कार्यकर्ता के पवार के फैसले से दुखी हैं और नाराज हैं. आज कमेटी की बैठक बुलाई थी. हम लगातार दो-तीन दिन से पवार साहब से मिल रहे थे और उनसे अपना फैसला वापस लेने का अनुरोध कर रहे थे. आज बैठक में एकमत से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि पवार अपना इस्तीफा वापस लें और कमेटी उनके फैसले को नामंजूर करती है.’

एक तीर से साधे कई निशाने –

पवार के इस्तीफे की कई वजह बताई गई थी. हाल ही में एनसीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन गया था जिसके बाद पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ने की सोची. दूसरी खबर ये आई कि एनसीपी के कुछ विधायक भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने वाले हैं. ऐसी स्थिति में यदि पार्टी में फूट पड़ती तो पवार के लिए मुश्किल होती, लेकिन उन्होंने ऐन वक्त पर इस्तीफे का दांव चला और तमाम पार्टी नेता एकजुट हो गए. कहा जाता है कि पवार एक तीर से दो निशाने साधते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कई निशाने साध लिए. जब पवार ने इस्तीफे का फैसला लिया था तो केवल उनके परिवार के चार सदस्यों, बेटी सुप्रिया सुले, दामाद सदानंद सुले, भतीजे अजित पवार और उनकी पत्नी पता थी.

किया था कमेटी का गठन –

इससे पहले पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय करने के लिए शरद पवार ने 18 सदस्यीय समिति का गठन किया था जिसमें प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, पीसी चाको, नरहरि जिरवाल, अजीत पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, दिलीप वलसे-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़ और पार्टी के अन्य शामिल थे.

 

 

 

 

 

 

 

 

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