छत्तीसगढ़ में भाजपा का मिशन 2023: 23 पदाधिकारी करेंगे मंथन, प्रदेश संगठन के बाद अब जिलाध्यक्षों की होगी नियुक्ति
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा मंथन शुरू करने जा रही है। छह अक्टूबर को मिशन 2023 के लिए भाजपा के शीर्ष 23 पदाधिकारियों का एक दिवसीय मंथन शिविर होगा। यह शिविर धमतरी जिले के गंगरेल में आयोजित किया गया है। बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल सहित प्रदेश के चुनिंदा 23 नेता शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में अगले एक साथ की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। साथ ही सरकार को घेरने के लिए अलग-अलग मोर्चा की ओर से आयोजित होने वाले कार्यक्रम भी तय होंगे।
भाजपा के आला नेताओं ने बताया कि पार्टी दशहरा के बाद संगठन में नियुक्तियां करने जा रही है। प्रदेश के 13 जिलाध्यक्षों को बदलने की तैयारी है। इसकी रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी तक पहुंच गई है। नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के साथ ही मोर्चा-प्रकोष्ठ में बचे पदों पर भी नियुक्ति होगी। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदारों को जिलाध्यक्ष की दौड़ से बाहर कर दिया गया है।
रायपुर, रायपुर ग्रामीण, बलौदाबाजार को लेकर खींचतान मची हुई है। शहर में संगठन में लंबे समय से सक्रिय गुजराती समाज के एक नेता को जिलाध्यक्ष बनाने पर सहमति बनती नजर आ रही है। लेकिन पूर्व सांसद और झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस परिवार की दावेदारी ने नया पेंच फंसा दिया है। भाजपा के आला नेताओं ने बताया कि मोर्चा-प्रकोष्ठ में भी पदाधिकारियों की नियुक्ति लटकी हुई है। ऐसे में छह अक्टूबर के बाद सभी पदों की घोषणा हो सकती है।
युवा मोर्चा में कमजोर हुआ 35 का फार्मूला
युवा मोर्चा में नियुक्ति के लिए 35 वर्ष की आयु सीमा के फार्मूले से राहत दी गई है। अब 35 वर्ष से ज्यादा उम्र के सक्रिय नेताओं को भी प्रदेश संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा से पहले युवा मोर्चा में अंदस्र्नी विवाद भी शुरू हो गया है। युवा मोर्चा के सक्रिय नेताओं की जगह एबीवीपी से आए नेताओं को महत्व मिलने को लेकर मोर्चा दो भाग में बंटता नजर आ रहा है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि महत्वपूर्ण पदों पर एबीवीपी के नेताओं को बिठाया जा रहा है, जबकि लंबे समय से सक्रिय नेताओं की उपेक्षा हो रही है।