कचरा इक्ट्ठा करने वालों को हम 50 करोड दे रहे,इंदौर निगम कचरा बेंचकर पैसा कमा रही-मीनल
रायपुर। स्वच्छता की रैकिंग में हम कहां पिछड़ जा रहे हैं,उनमें क्या अच्छाई है और हममे क्या खामी? यह जानने रायपुर निगम का एक जंबो प्रतिनिधिमंडल महापौर,पक्ष-विपक्ष के पार्षदगण और अधिकारियों के साथ इंदौर और चंडीगढ अध्ययन दौरे पर गए हुए थे। लौटकर आने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने मीनल चौबे ने मीडिया के समक्ष बड़ी बात कह दी, इंदौर नगर निगम कचरा बेंचकर पैसा कमा रही है और हम कचरा एकत्र करने वाली ठेका कंपनी को 50 करोड़ का भुगतान कर रहे है फिर भी घरों से कचरा सही तरीक से नहीं उठने की शिकायत मिलती रहती है। संशाधन हमारे पास भी है पर हम न तो उसका उपयोग कर पा रहे हैं और न सही ढंग से काम ले पा रहे हैं। यात्रा अच्छी रही,नई नई जानकारियां भी मिली।
मीनल चौबे का कहना है कि लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा दिलाने का काम पूरी ईमानदारी के साथ शहरी सरकार करे तो विपक्ष हमेशा साथ देने को तैयार है। उन्होंने बताया कि दोनों शहरों में काफी अच्छा काम देखने को मिला। वहां से हम सभी अच्छे काम के नतीजे देखकर आए हैं। यहां भी अच्छा काम करेंगे तो निश्चित तौर पर इसका फायदा शहर को मिलेगा। इंदौर की तरह रायपुर में भी सब कुछ है फिर भी स्वच्छता में नंबर वन रैकिंग हासिल नहीं कर पाए, यह सोचनीय है। इंदौर की तरह सारी सुविधाएं होने के बाद भी साफ-सफाई, ड्रेनेज सिस्टम, नालियों को ढंकने का काम हम नहीं कर पा रहे हैं, जो प्रशासनिक विफलता है।
इंदौर नगर निगम हर चीज से पैसा कमाने की सोचता है, लेकिन इसके ठीक विपरीत रायपुर निगम काम कर रही है। इंदौर कचरा बेचकर पैसा कमा रहा है। यहां पर कचरा उठाने वाली ठेका कंपनी को 50 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है। रायपुर नगर निगम के महापौर को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।