धमतरी : हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं. अब ग्रामीण प्रशासन से हाथियों को जिले से भगाने की मांग रहे हैं.वहीं हाथियों से होने वाले नुकसान की भरपाई करने की मांग ग्रामीणों ने की है.ग्रामीणों ने वनविभाग पर अनदेखी का आरोप भी लगाया है.उनकी माने तो विभाग न तो नुकसान का मुआवजा दे रही है और न ही सुरक्षा मुहैया करा पा रही.ऐसे में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं दिन रात चौकसी भी करनी पड़ रही है ताकि हाथी उनके फसलों को नुकसान न पहुंचाए. केरेगांव और सिंगपुर इलाके के ग्रामीणों और किसानों ने प्रशासन से अपनी समस्या से अवगत कराते हुए हाथियों को जिले खदेड़े जाने की मांग की है.
जिले में बीते तीन साल से हाथियों के दल ने अपना डेरा जमाया है. ये हाथी अलग-अलग झुण्डों में अलग-अलग लगातार विचरण कर रहे हैं. यहां जंगलों में विचरण कर रहे हाथी फसलों के साथ-साथ घरों को नुकसान पहुंचा रहे है . इस दौरान जंगल या खेतों में जाकर काम करने वाले ग्रामीण हाथियों के शिकार बन रहे हैं. इन हाथियों ने 5 लोगों की जान भी ले ली है. वन विभाग के अधिकारियों की माने तो हाथी को लेकर वो लोगों को लगातार अलर्ट करते है. मॉनिटरिंग करके वन विभाग हाथियों पर निगाह बनाये रखता है. फिर भी इलाके में गजराज के हमले में हुए मौतों ने लोगों को झकझोर कर रख दिया.
हाथियों ने कब कब किया हमला :10 अप्रैल को सीतानदी रिजर्व फॉरेस्ट के बिरनासिल्ली के जंगल में महुआ बीनने गई एक युवती को हाथियों ने मौत के घाट उतार दिया.इसके अलावा नगरी रेंज के जंगल में 11 वर्ष की सिमरन साहू को हाथियों ने कुचल दिया. वह अपने पिता शेखर साहू के साथ महुआ बीनने नगरी रेंज के तुमबाहरा के जंगल गयी थी. इस दौरान हाथी ने बच्ची को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया. इसी तरह एक और घटना में संबलपुर निवासी एक महिला जो कि चारगांव के जंगल गयी थी. हाथियों ने उसको भी पटक पटककर मार डाला था.