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कोरोना और ब्लैक फंगस के बाद अब निमोनिया का खतरा, 9 दिन में 20 से ज्यादा की मौत, मचा हड़कंप

रायपुर। कोरोना और ब्लैक फंगस के बाद अब निमोनिया का खतरा बढ़ रहा है। राजधानी में पिछले 9 दिनों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। वहीं एक सप्ताह में 90 से ज्यादा लोग निमोनिया से पीड़ित मिले। शहर के अंबेडकर, जिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पताल में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इधर मामलों में बढ़ोतरी होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।

राजधानी में कोरोना के केस तेजी से कम हुए, लेकिन ब्लैक फंगस के बाद यहां एक नई जानलेवा बीमारी सामने आ रही है, और वह है वायरल निमोनिया। डाक्टरों के अनुसार राजधानी में पिछले 9 दिन में सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर वायरल निमोनिया से 20 मरीजों की जान गई है। सिर्फ अंबेडकर अस्पताल में पिछले सोमवार से रविवार तक 97 लोगों में वायरल निमोनिया निकला है और कुछ भर्ती भी हैं।

सभी की लक्षणों के कारण कोरोना जांच भी हुई और निगेटिव आई लेकिन फेफड़े का इंफेक्शन निकला है। डाॅक्टरों के मुताबिक अभी मौसम वायरल फीवर का है। इसी वजह से वायरल निमोनिया ही नहीं, फंगल निमोनिया के केस भी आ रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में ऐसे केस बढ़े हैं। केवल अंबेडकर अस्पताल ही नहीं, लालपुर के एक बड़े निजी अस्पताल में भी पिछले 10 दिन में वायरल निमोनिया के 50 से ज्यादा मरीजों की पहचान हुई, जिसमें आधा दर्जन भर्ती हैं। दोनाें ही अस्पतालों में 5-5 मरीजों की जान गई है। इसके अलावा अलग-अलग अस्पतालों को मिलाकर शहर में वायरल निमोनिया से बुरी तरह पीड़ित 20 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

मरीज गंभीर हो तो बचाना मुश्किल
डॉक्टरों का कहना है कि बरसात में सीजनल फ्लू के मरीज बढ़ गए हैं। इनका बुखार नहीं उतरता और जांच होती है, तब वायरल, बैक्टीरियल या फंगल निमोनिया निकल रहा है। वायरल या बैक्टीरियल निमोनिया में अगर समय पर इलाज नहीं मिले और मरीज की हालत गंभीर हो जाए तो उसे बचाना मुश्किल हो जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि दरअसल ऐसे कई केस आए हैं जिसमें बुखार के बाद लोगों ने कोरोना टेस्ट करवाया और रिपोर्ट निगेटिव आई तो वे बेफिक्र हो गए। उन्हें बुखार आता रहा और सामान्य दवा-गोलियां चलती रहीं, लेकिन इनमें से कई की निमोनिया की वजह से हालत गंभीर होती चली गई।

केस-1; 42 वर्षीय व्यक्ति को शहर के नामी अस्पताल में भर्ती किया गया। उन्हें वायरल निमोनिया था, फिर भी कोरोना जांच करवाई गई। रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन तब तक मरीज ने दम तोड़ दिया था।

केस-2; 52 वर्षीय एक व्यक्ति को बुखार होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया। फेफड़े में इंफेक्शन था, लेकिन कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी। डॉक्टरों के अनुसार वह वायरल निमोनिया से पीड़ित था।

ये हैं लक्षण

बुखार के साथ पसीना-कंपकंपी।
बलगम के साथ खांसी अाना।
सांस तेज होना या परेशानी।
थकान-कमजोरी होना।
सीने में दर्द, बेचैनी, भूख कम।
ऐसे केस आए हैं जिनमें लक्षण के बावजूद कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ रही है और मरीज गंभीर हो रहे हैं। यही वायरल निमोनिया है, इसलिए बुखार को कोरोना निगेटिव आने के बाद भी हल्के से न लें।
-डॉ. आरके पंडा, एचओडी,पल्मोनरी मेडिसिन

हो सकता है कि व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस न हो इसलिए रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। इलाज में लापरवाही से वायरल निमोनिया से पहले भी मौत होती रही है। इस सीजन में लापरवाही न करें।
-डॉ. अरविंद नेरल, सीनियर वायरोलॉजिस्ट

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