रमन बोले-गारे पेलमा कोल ब्लॉक ट्रांसपोर्टेशन में करोड़ों की हुई गड़बड़ी, मुख्यमंत्री ने बताया केमिकल लोचा
रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन पूर्व सीएम रमन सिंह ने गारे पेलमा कोल ब्लॉक का मुद्दा उठाया। रायगढ़ कोल ट्रांसपोर्टेशन के रेट और टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उनके मुताबिक ट्रांसपोर्टेशन के लिए दोगुने दर पर टेंडर दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि अतिरिक्त पैसा कहां जा रहा है? इसके जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया।
जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- किलोमीटर के हिसाब से एसईसीएल खदान के भीतर ट्रांसपोर्टेशन के लिए रेट निर्धारित है। जब पिछली सरकार में टेंडर किया गया और नियम बनाया गया उसी समय ये कह दिया जाता कि गाइडलाइन के हिसाब से परिवहन होगा, लेकिन साल 2017 में तो आपने ऐसा किया नहीं। जब आप मुख्यमंत्री थे तब आपने जो नियम बनाया वही है। अलग-अलग खदानों के लिए अलग-अलग रेट आता है।
रमन सिंह ने कहा- एसईसीएल ने नोटिफिकेशन जारी किया है इसे लेकर। कोल ट्रांसपोर्टिंग के लिए एसईसीएल मापदंड तय करता है। जब गाइडलाइन तय कर चुका है, फिर छत्तीसगढ़ का उपक्रम क्यों रेट तय करेगा। प्रति मैट्रिक टन 210 रुपए से ज्यादा की अतिरिक्त वसूली हुई है। करोड़ों की गड़बड़ी ट्रांसपोर्टिंग का रेट बढ़ाकर किया गया है। क्या टेंडर को निरस्त किया जाएगा?
सीएम भूपेश बघेल ने कहा- ये केमिकल लोचा है। 211 रुपए के रेट में परिवहन होता ही नहीं है। सारे शर्ते और नियम आपने बनाया। एसईसीएल कब से चल रहा है और उसके नियम भी पहले से बने हुए है। अलग-अलग जगह का अलग-रेट है। दूरी के हिसाब से किलोमीटर तय होता है। आपने नियम बनाया रहता तो टेंडर क्यों निकलता।
रमन सिंह बोले- जब इतना बड़ा मामला है तो जांच क्यों नहीं। 232 रुपए के रेट में तैयार हो जाएंगे लोग, जबकि 466 रुपए के रेट में यहां टेंडर दिया गया।
सीएम ने कहा- हमने टेंडर के जरिए रेट तय किया है। 8 कंपनियां शामिल हुई टेंडर में। 4 लोग भरे थे टेंडर, जिसमें 2 पात्र पाए गए और 2 अपात्र पाए गए। ऑनलाइन टेंडर जारी किया। देशभर के पत्र-पत्रिकाओं में टेंडर का प्रकाशन हुआ, फिर कहां गड़बड़ी हो गई? इनके मन में गड़बड़ी है तभी मैं कह रहा हूं केमिकल लोचा है। सारा काम पारदर्शी तरीके से हुआ है।
रमन सिंह ने कहा- मैं आपके चुनौती देता हूं कि 2012 के दर और अभी के दर पर खुली चर्चा करा लीजिए। सीएम ने कहा- पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है, किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है।
भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा- 675 में नई कंपनी को एमडीओ दिया गया है ट्रांसपोर्टेशन के लिए। इस पर सीएम ने कहा- जबरदस्ती मामले को घुमाने की कोशिश की जा रही है।
इस पर सदन में जोरदार हंगामा हो गया और पक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक हो गई। भाजपा विधायक सदन के विधायकों की जांच कमिटी से जांच पर अड़े रहे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- बार-बार गड़बड़ी की बात करते हैं, इन्होंने खुद गड़बड़ी किया है। सदन में जोरदार हंगामे के बाद भाजपा ने किया वॉकआउट कर दिया।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान सदन में कटघोरा वन मंडल परिक्षेत्र में हाथियों के हमले की गूंज उठी। कांग्रेस विधायक मोतीराम साहू ने हाथी के हमलों से लोगों और फसलों को हुए नुकसान का मुद्दा उठाया। उनके मुताबिक इलाके में 5 लोगों की मौत हुई है। मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने जनहानि और क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की।
जवाब में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि मृतकों के परिजनों को पहले 4 लाख मुआवजा दिया जाता था जिसे बढ़ाकर 6 लाख किया गया है, क्षतिग्रस्त मकान का मुआवजे बढ़ाने के संबंध में विचार किया जा रहा है ।