तिरछी नजर का विधानसभा में असर : कोल ट्रांसपोर्टिंग में करोड़ों की गड़बड़ी का उठा मुद्दा, पूर्व सीएम ने की टेंडर निरस्त करने की मांग
Effect of squint in Vidhansabha: Issue of crores of disturbances in coal transporting, former CM demands cancellation of tender
सबसे पहले खबर चालीसा ने दी थी हर तथ्यात्मक जानकारी, हूबहू बोले पूर्व CM ..
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और वर्तमान सीएम भूपेश बघेल के बीच तीखी बहस हुई। वही, टेंडर प्रक्रिया निरस्त की मांग उठी।
खबर चालीसा ने दी हर तथ्यात्मक जानकारी –
दरअसल, खबर चालीसा डॉट कॉम के तिरछी नजर में हमने टेंडर में गड़बड़ी संबंधित मामले को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद आज वही मामला पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा में उठाया। टेंडर गड़बड़ी संबंधित हर तथ्यात्मक जानकारी हमने तिरछी नजर में दी थी, जिस पर आज पूर्व मुख्यमंत्री ने सदन में बात की। वही, विपक्ष ने टेंडर निरस्त करने की मांग की।
क्या हुआ सदन में –
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने गारे पलमा कोल ब्लॉक रायगढ़ के कोल ट्रांसपोर्टेशन के रेट और टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए मामला सदन में उठाया। वही, रमन सिंह ने कहा ट्रांसपोर्टेशन के लिए दोगुने दर पर टेंडर दिया गया। SECL का रेट है उससे कहीं ज्यादा है। अतिरिक्त पैसा कहां जा रहा है?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा –
इसका जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि कि.मी. के हिसाब से SECL खदान के भीतर ट्रांसपोर्टेशन का रेट निर्धारित है, जब पिछली सरकार में टेंडर किया गया और नियम बनाया गया उसी समय ये कह दिया जाता गाईडलाईन के हिसाब से परिवहन होगा, लेकिन साल 2017 में आपने ऐसा नहीं किया, जब आप मुख्यमंत्री थे तब आपने जो नियम बनाया वहीं है। यहां अलग-अलग खदानों के लिए अलग-अलग रेट आता है।
रमन सिंह ने कहा –
इसे लेकर SECL ने नोटिफिकेशन जारी किया है। कोल की ट्रांसपोर्टिंग के लिए SECL मापदंड तय करता है, जबकि ये SECL गाईडलाईन तय कर चुका है, तो फिर छत्तीसगढ़ का उपक्रम क्यों रेट तय करेगा ? प्रति मैट्रिक टन 210 रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त वसूली हुई हैं। वही करोड़ो की गड़बड़ी ट्रांसपोर्टिंग का रेट बढ़ाकर किया गया। क्या टेंडर को निरस्त किया जाएगा ?
सीएम भूपेश बघेल ने कहा –
ये केमिकल लोचा है। एसईसीएल कब से चल रहा है और उसके नियम भी पहले से बने हुए है। अलग-अलग जगह का अलग-रेट है। दूरी के हिसाब से किलोमीटर तय होता है। आपने नियम बनाया रहता तो टेंडर क्यों निकलता।
रमन सिंह ने कहा –
विधायकों की कमेटी से जांच हो।
सीएम ने कहा –
मैंने कहा न केमिकल लोचा है 211 रुपये के रेट में परिवहन होता ही नहीं है। सारे शर्ते और नियम आपने बनाया। रमन सिंह ने कहा जब इतना बड़ा मामला है तो जांच क्यों नहीं। 232 रुपये के रेट में तैयार हो जाएंगे लोग, जबकि 466 रुपये के रेट में यहां टेंडर दिया गया।
सीएम ने कहा –
हमने टेंडर के जरिये रेट तय किया है। टेंडर में 8 कंपनियां शामिल हुई। 4 लोगों ने टेंडर भरा था, जिसमें 2 पात्र पाए गए और 2 अपात्र पाए गए। ऑनलाइन टेंडर जारी किया, देशभर के पत्र-पत्रिकाओं में टेंडर का प्रकाशन हुआ, फिर कहां गड़बड़ी हो गई? इनके मन में गड़बड़ी है तभी मैं कह रहा हूं केमिकल लोचा है। सारा काम पारदर्शी तरीके से हुआ है।
रमन सिंह ने कहा –
मैं आपके चुनौती देता हूं कि 2012 के दर और अभी के दर पर खुली चर्चा करा लीजिए।
सीएम ने कहा –
पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है, किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है। लिखित जवाब में मैसर्स जय अंबे लाइंस प्राइवेट लिमिटेड को 40 किलोमीटर हेतु 450 प्रतिनिधित्व रॉबर्टसन रेलवे साइडिंग 80 किलोमीटर हेतु 675 से ऑर्डर दिया गया है।
भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने कहा –
ट्रांसपोर्टेशन के लिए 675 में नई कंपनी को एमडीओ दिया गया है।
इस पर सीएम ने कहा –
जबरदस्ती ही मामले को घुमाने की कोशिश की जा रही हैं, जिसके बाद सदन में जोरदार हंगामा होने लगा। भाजपा विधायक सदन के विधायकों की जांच कमिटी से जांच कराने पर अड़े रहे। मुख्यमंत्री कहा बार-बार गड़बड़ी की बात करते हैं, इन्होंने खुद गड़बड़ी किया है। इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ और भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया।