MP Cough Syrup Case: भोपाल। प्रदेश में जहरीले कफ सीरप से तीन जिलों में 24 बच्चों की मौत के बाद सरकार अब एक्शन मोड में है। स्वास्थ्य विभाग ने दवाओं की जांच और निगरानी प्रणाली को मजबूत करने के लिए 211 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है। हालांकि, राज्य की लैब और निगरानी व्यवस्था की स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है।
राजधानी भोपाल की एकमात्र फूड लैब में माइक्रोबायोलॉजी जांच की सुविधा नहीं है। नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर लैबोरेट्री (NABL) प्रमाणपत्र न होने के कारण यहां चार महीने तक सैंपल जांच ठप रही। अब दीपावली से ठीक पहले जांचें दोबारा शुरू की गई हैं।
वहीं, पूरे प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भारी कमी है। कुल 367 स्वीकृत पदों में सिर्फ 152 अधिकारी ही कार्यरत हैं। इसका मतलब है कि हर अधिकारी पर औसतन 2600 से ज्यादा दुकानों की निगरानी का भार है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया लोक सेवा आयोग से जारी है। साथ ही, सभी जिलों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन के कार्यालय खोलने और लैब क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है।
