
रायपुर – तृतीय लिंग सनातन धर्म सेवा ट्रस्ट के समस्त सामुदायिक पदाधिकारियों ने कालीचरण के बयान की कड़ी भर्त्सना की है, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी के लिए अपशब्द का प्रयोग किया था. आचार्य राधाचरण दासी ( रवीना बरिहा) ने कहा कि वैचारिक मतभेदों को प्रकट करने का सभ्य तरीका भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि कालीचरण ने सभ्यता की सीमा को भी तोड़ दिया है .उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म को सबसे बड़ा खतरा दूसरे धर्म से नहीं बल्कि हिंदू समाज के अंदर व्याप्त छुआछूत, जातिवाद और प्रमाणित धर्मशास्त्रो के प्रति जागरूकता के अभाव के कारण है. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के मूल कारणों से ध्यान हटाने के लिए कालीचरण जैसे पाखंडी छुपे एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने सभी लोगों से ऐसे व्यक्तियों से सावधान रहना को कहा है.
तृतीय लिंग सनातन धर्म सेवा ट्रस्ट के अन्य सदस्य कृष्णा मुनि ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में सभी क्रांतिकारियों के साथ महात्मा गांधी का भी महत्वपूर्ण योगदान है. राधाचरण दासी ( रवीना बरिहा ) ने कहा कि कालीचरण को इतिहास की थोड़ी सी भी समझ नहीं है. उन्होंने कहा सत्याग्रह आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक सत्याग्रह, बारडोली सत्याग्रह, हरिजन उद्धार आंदोलन, चंपारण आंदोलन क्या नाथूराम गोडसे ने किया बल्कि इन सभी आंदोलन का नेतृत्व गांधी जी ने किया था. तृतीय लिंग सनातन धर्म सेवा ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों ने दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास के उस कदम का भी स्वागत किया जिसमें उन्होंने गांधीजी के सम्मान के लिए धर्म सदन से स्वयं को पृथक कर लिया था. पदाधिकारियों ने शासन से कालीचरण की गिरफ्तारी की मांग जल्द से जल्द करने को कहा है. गिरफ्तारी की मांग करने वालों में प्रमुख रूप से राधाचरण दासी, कृष्णा पुरी, भवानी, मधु, सोनम, रूपा और अंशिका प्रमुख रूप से शामिल हैं.