ED RAID : जेनसोल इंजीनियरिंग पर 262 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, सह-संस्थापक हिरासत में

ED RAID : Gensol Engineering accused of fraud of Rs 262 crore, co-founder detained
नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2025। ED RAID भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) की जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड पर बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी के सह-संस्थापक पुनीत सिंह जग्गी को दिल्ली के एक होटल से हिरासत में लिया गया है, जबकि दूसरे प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी के दुबई में होने की जानकारी मिली है।
ED RAID पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के प्रावधानों के तहत की गई है। ईडी की टीमों ने दिल्ली, गुरुग्राम और अहमदाबाद स्थित कंपनी के परिसरों में तलाशी अभियान चलाया है।
क्या है पूरा मामला? –
SEBI ने जून 2024 में जेनसोल पर शेयर मूल्य में हेरफेर और फंड डायवर्जन के आरोपों की जांच शुरू की थी। जांच में सामने आया कि जग्गी बंधुओं ने कंपनी के फंड का दुरुपयोग कर निजी खर्चों में लगाया, जिससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ। इसके बाद SEBI ने दोनों को निदेशक पद से हटा दिया और शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर रोक लगा दी।
262 करोड़ की धोखाधड़ी –
ED की जांच के अनुसार, जेनसोल इंजीनियरिंग ने IREDA और PFC जैसी संस्थाओं से कुल ₹977.75 करोड़ का टर्म लोन लिया था। इसमें से ₹664 करोड़ का उपयोग 6,400 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए किया जाना था, जो कि ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी को लीज पर दिए जाने थे। आरोप है कि इस राशि में से ₹262 करोड़ की गड़बड़ी की गई।
कंपनी की पृष्ठभूमि –
ED RAID 2012 में स्थापित जेनसोल ने शुरुआत एक सोलर EPC कंपनी के रूप में की थी। बाद में इसने अपनी सब्सिडियरी ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के जरिए EV लीजिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कदम रखा।
कंपनी के तीन मुख्य कार्यक्षेत्र –
सोलर EPC – राजस्व का 72.3% (अप्रैल-दिसंबर 2024)
EV लीजिंग – ब्लूस्मार्ट जैसे प्लेटफॉर्म को EV लीज़ पर देना (27.7%)
EV विनिर्माण – पुणे में प्रति वर्ष 12,000 कारों की क्षमता वाली इकाई
आगे की कार्रवाई –
ED RAID ईडी द्वारा जब्त दस्तावेजों की जांच जारी है और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर गहराई से पड़ताल की जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।