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बहुत ही सुंदर जिला है गरियाबंद… सीएम भूपेश बघेल

राजिम। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजिम स्थित रेस्ट हाउस में समीक्षा बैठक के पश्चात प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भेंट-मुलाकात अभियान के तहत कल मैंने राजिम विधानसभा क्षेत्र के छुरा, फिंगेश्वर और राजिम में लोगों से भेंट मुलाकात की। आप लोगों को यह पता ही है कि मैं शासन की योजनाओं का प्रत्यक्ष फीडबैक लेने के लिए प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहा हूं। अब तक लगभग 50 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा पूरा हो चुका है। राजिम विधानसभा क्षेत्र के भ्रमण के दौरान मैंने इस बात को प्रत्यक्ष रूप से देखा है कि हमारी न्याय योजनाओं से लोगों के जीवन में बहुत बदलाव आया है। उनका जीवन स्तर ऊंचा उठा है।गरियाबंद जिला बहुत ही सुंदर जिला है। इस जिले में पर्यटन के विकास की अपार संभावना है। यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ में जिन 9 स्थानों को चिन्हित कर विकसित किया जा रहा है, उनमें राजिम भी शामिल है। राजिम में पर्यटकों की सुविधा के लिए अधोसंरचना विकसित की जा रही है। राजिम मेला को भी व्यवस्थित स्वरूप देने के लिए काम किया जा रहा है।नलकूप खनन एवं शौचालय निर्माण 4 लाख 75 हजार रूपए की स्वीकृति मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमने अपनी योजनाओं का लगातार विस्तार किया है, इससे हितग्राहियों की संख्या लगातार बढ़ी है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ अब खरीफ की सभी फसलों, उद्यानिकी फसलों और वृक्षारोपण करने वाले किसानों को भी मिल रहा है। राज्य में कोदो-कुटकी-रागी का समर्थन मूल्य घोषित करने साथ- साथ हमने इन फसलों की खरीदी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की है। मुख्यमंत्री ने कहा की राजिम मेले को ध्यान में रखते हुए 55 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है मेला स्थल के लिए राशि भी स्वीकृत की गई है। यह स्थान विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मेलन या संगोष्ठी आदि के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि राजिम राम वन गमन परिपथ के तहत विकसित किया जा रहा है। बघेल ने कहा की भेंट-मुलाकात का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि शासन की योजनाएं आम जनता तक पहुंच रहा है या नहीं। अभी तक 50 विधानसभाओं में ज़मीनी हकीकत का जायजा लिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि किसान, मजदूर, गोपालकों को भी योजना का लाभ हो रहा है। महिलाएं भी गौठानों के मध्यम से स्वावलंबी हुई हैं। गोबर और वर्मी खाद बेच कर अपनी जरूरत की चीजे खरीद पा रही हैंl

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