Congress सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा- रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन की सेना में शामिल होने वाला भारतीय छात्र अस्वीकार्य
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर बोलते हुए कहा कि अन्य देशों के नागरिकों को यूक्रेन के युद्ध में शामिल नहीं होना चाहिए। तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले का 21 वर्षीय छात्र सैनिकेश रविचंद्रन रूसी आक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए यूक्रेन में अर्धसैनिक बलों में शामिल हो गया है।
कार्ति चिदंबरम ने कहा, ‘यह बेहद खतरनाक है। यूक्रेन युद्ध पर मेरा विचार अलग है। हम युद्ध के केवल यूएस और यूरोपीय संस्करण सुन रहे हैं, रूस के नहीं। मैं युद्ध के खिलाफ हूं लेकिन हमें कहानी के दोनों पक्षों को सुनने की जरूरत है। साथ ही, मैं अन्य देशों के नागरिकों के युद्ध में शामिल होने से सहमत नहीं हूं। सोचिए अगर कोयंबटूर का कोई मुस्लिम युवक सीरिया जाए और असद के खिलाफ लड़े। क्या उसे जिहादी नहीं कहा जाएगा? या अमेरिका के खिलाफ लड़ने के लिए इराक जाएं। तो हम यूक्रेन जाने वाले एक भारतीय छात्र को लड़ने के लिए कैसे स्वीकार कर सकते हैं? “
कार्ति चिदंबरम ने पूछा, “यूक्रेन एक श्वेत ईसाई देश है। यूक्रेन और मध्य पूर्वी देशों के लिए निर्णय का एक अलग पैमाना कैसे हो सकता है।”
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि केंद्र को छात्रों को भारत में अपनी चिकित्सा शिक्षा जारी रखने की संभावना तलाशनी चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि यदि छात्रों को भारतीय मेडिकल कॉलेजों में समायोजित नहीं किया जा सकता है, तो केंद्र को उन्हें अन्य विदेशों में पढ़ने की संभावना पर विचार करना चाहिए।
बता दें कि तमिलनाडु के एक छात्र के रूस के ख़िलाफ़ युद्ध में हिस्सा लेने के लिए यूक्रेन की पैरामिलिट्री में शामिल हो गया है. रिश्तेदार का दावा है कि परिवार के लोग अभी बहुत तनाव में हैं और वे मीडिया से बात नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने बताया, “मैंने परिवार वालों से कहा कि निकेश से भी बार-बार संपर्क नहीं करें. क्योंकि ऐसी स्थिति में हम में से कोई भी नहीं जानता कि उसे कैसे वहां से निकाला जाए.”