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मुख्यमंत्री बघेल ने दिए निर्देश, शासकीय भवनों के रंग-रोगन के लिए गोबर पेंट का करें उपयोग, उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध होगी कार्यवाही

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी शासकीय विभागों, निगम-मंडलों एवं स्थानीय निकायों में भवनों के रंग-रोगन के लिए गोबर पेंट का अनिवार्यतः उपयोग करने के निर्देश दिये हैं।

पूर्व में जारी किए गए निर्देशों के बावजूद अभी भी निर्माण विभागों द्वारा केमिकल पेंट ( paint)का उपयोग किए जाने पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि निर्देशों का उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

मंडलों और स्थानीय निकायों को भवनों के रंगरोगन के लिए गोबर पेंट का उपयोग

मुख्यमंत्री  बघेल ने मुख्य सचिव को सभी विभागों, निगम-मंडलों और स्थानीय निकायों को भवनों के रंगरोगन के लिए गोबर पेंट का उपयोग अनिवार्यतः करने के निर्देश जारी करने को कहा है।  बघेल ने कहा है कि गोबर पेंट( gober paint) का उपयोग ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।

गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी

गौरतलब है कि रायपुर के नजदीक हीरापुर जरवाय के गौठान में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गोबर से पेंट तैयार किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी करके इससे वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद निर्मित किये जा रहे हैं। गोबर से विद्युत उत्पादन और प्राकृतिक पेंट निर्माण की शुरूआत की गई है। गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिली है। गांवों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। ग्रामीणों, पशुपालकों एवं महिला समूहों को आय का अतिरिक्त जरिया मिला है। गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को पिछले दो वर्षो में 380 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। योजना से मिलने वाली राशि से ग्रामीणों को अपनी छोटी मोटी जरूरतें पूरी करने का जरिया मिला है। गोबर खरीदी और उससे तैयार किए जा रहे उत्पादों की बिक्री से ग्रामीणों को हो रही आय के साथ गोबर पेंट का उपयोग बढ़ने से ग्रामीणों को और अधिक फायदा होगा।

अब तक 1 लाख 5000 लीटर गौ मूत्र की खरीदी की गई

ग्रामीणों और महिला स्व सहायता समूहों की आय में वृद्धि के लिए गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गौठानों में इस वर्ष से गौ मूत्र की खरीदी प्रारंभ की गई है। वर्तमान में प्रदेश के 96 गौठानों में गौ मूत्र की खरीदी की जा रही है। अब तक 1 लाख 5000 लीटर गौ मूत्र की खरीदी की गई जिसका मूल्य 4 लाख 20 हजार रूपए है।

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