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CG POLITICAL : राज्य की 89 सीटों का भी ज़िम्मा सम्हालना है, इसलिए मैं नामांकन दाखिल करने आऊंगा – सीएम

CG POLITICAL: I have to take care of 89 seats in the state, so I will come to file nomination – CM

दुर्ग। पाटन से विधायक और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा प्रशिक्षण सत्र में कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए कहा है कि राज्य की 89 सीटों का भी ज़िम्मा सम्हालना है, इसलिए मैं नामांकन दाखिल करने आऊंगा, जिताने की जवाबदेही आपकी है। करीब सत्रह मिनट के उद्बोधन में सीएम भूपेश ने बीते दौर की बहुतेरी चुनौतियों को याद किया। सीएम भूपेश के पूरे भाषण के दौरान कार्यकर्ता मंत्रमुग्ध से सुनते रहे।

बोले सीएम भूपेश – 2018 में भी पूछा था, अभी फिर पूछ रहा हूं –

पाटन के कुर्मी समाज भवन में आयोजित विधानसभा प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए सीएम भूपेश ने सम्मेलन में कहा- “2018 में मैंने पूछा था आप सब से, प्रदेश अध्यक्ष हूं, प्रदेश की जवाबदेही है।यदि आप लोग जवाबदेही लोगे तो चुनाव लड़ूँगा। आज फिर वही स्थिति है, जवाबदेही पूरे प्रदेश की है। आप लोग जवाबदेही लेंगे तो मैं नामांकन दाखिल करुंगा।”

याद किया बीते दौर का संघर्ष रणनीति और सफलता –

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कार्यकर्ता की तरह ही सबके साथ बैठकर पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम को देखा, और फिर कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए सीएम भूपेश ने बीते दौर के संघर्ष चुनौती और उससे निबटने बनी रणनीति की याद दिलाई। सीएम भूपेश ने कहा- “2003 के बाद से लेकर 2013 तक हम कभी भी 35 से नीचे नहीं गए। 2013 में हमने समीक्षा की तो पाया था कि युवा या नए मतदाता तक हम लोग नहीं पहुँच रहे हैं। हमने रणनीति बनाकर उन तक पहुँच बनाई, और उनसे सीधा संवाद किया। सेक्टर में विभाजित कर के जो हमने काम किया उसने टॉप टू बॉटम सबको सक्रिय किया।”

सीएम भूपेश ने कहा –

“याद है विरोधी पता करते रह गए कि आखिर कार्यालय कहाँ है भवन कहाँ है जहां से कार्यक्रम तय होता है और निर्देश जारी होते हैं। पर हर बार कार्यक्रम जारी होते थे, बेहद सफलता से पूरे होते थे, और आज भी हमारे विरोधियों के लिए पहेली है कि वो कार्यालय या भवन कहां था।”

सीएम भूपेश का सबक़ – सबसे मिलिए संवाद करिए, कोई रुठा है तो मनाइए –

पाटन विधायक और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यकर्ताओं से रोचक अंदाज में संवाद किया। वे चुटकियाँ लेते रहे, कार्यकर्ताओं को हंसाते रहे और उसी के साथ उन्होंने सबक दिया। सीएम भूपेश ने कहा “देखो भाई, हो सकता है बल्कि होता है कोई रुठा हो, किसी भी वजह से रुठ गया हो, अब आपसे रुठा है तो ठीक है पहले आप मनाओ, आप को लगे मेरे से तो मानेगा ही नहीं, तो किसी और को सामने ले जाओ। संवाद सभी से करिए,हर वर्ग हर समाज के लिए योजनाएँ बनी हैं और उन्हें क्रियान्वित किया गया है। उन सबको बताइए, और यह भी जानिए कि हमारे राजनीतिक विरोधी कौन सा झूठ किस तरह बोलते हैं। उनका झूठ जानेंगे आप, तभी समझा पाएँगे। संवाद सबसे करिए, हर व्यक्ति तक पहुँचिए।”

क्या हो रहा है प्रशिक्षण कार्यक्रम में? –

कांग्रेस ने पहले संभागीय सम्मेलन किए। इसके बाद विधानसभा कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम चालू किया है। इसकी शुरुआत पाटन से की गई, जहां से खुद सीएम भूपेश विधायक हैं।यह कार्यक्रम तीन चरणों में है। पहला यह राज्य सरकार की योजनाओं को बताता है, दूसरा यह पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के दौर में हुई घटनाओं को केंद्रित होता है जिसमें फेलियर्टी सामने आई। एक विषय प्रधानमंत्री मोदी पर केंद्रित होता है, जिसमें उनके द्वारा किए गए तमाम दावों को लेकर कांग्रेस अपने तर्क देती है और दावों को झूठा करार देती है, इसमें पीएम मोदी के उन भाषणों के अंश भी होते हैं जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की किरकिरी हुई। कार्यकर्ताओं को यह बताया जाता है कि, कैसे सोशल मीडिया पर विरोधी दल के प्रचार अभियान का काउंटर किया जाना है। इस प्रशिक्षण में यह भी बताया जा रहा है कि, राज्य सरकार को लेकर लगाए जाने वाले आरोपों का काउंटर कैसे करना है, और राज्य सरकार की योजनाओं की सफलता का ग्राफ़ और प्रमाण क्या है।

सीएम भूपेश –

कार्यक्रम के बाद द सूत्र से संवाद करते हुए सीएम भूपेश ने कहा कि हर वर्ग के लिए हमने काम किया है, लेकिन इस प्रशिक्षण शिविर से कार्यकर्ताओं को और बेहतर तरीक़े से तैयार करने में प्रभावी मदद मिलती है। सीएम भूपेश ने कहा “पिछली बार 2018 में प्रदेश अध्यक्ष की जवाबेदही थी। मैंने कार्यकर्ताओं से पूछा और उनसे बता दिया कि, पूरे प्रदेश की जवाबेदही है, आप लोग कहेंगे तो नामांकन दाखिल करुंगा। कार्यकर्ताओं ने हाँ कहा और मैं केवल नामांकन दाखिल किया, चुनाव पूरा कार्यकर्ताओं ने ही लड़ा। नतीजा यह था कि, जब मैं खुद चुनाव प्रचार में होता था तो जितने वोट से जीतता था, 2018 में उससे भी ज्यादा मतों से जीता जबकि मैं खुद नहीं था। इस बार फिर वही स्थिति है। पूरे प्रदेश की जवाबेदही है ज़िम्मा है। मैंने फिर कार्यकर्ताओं से पूछा है,उन्होंने भरपूर उत्साह दिखाया है। मुझे इस उत्साह और समर्थन विश्वास से लगता है कि, इस बार जीत का अंतर और ज़्यादा होगा। पाटन में कार्यकर्ता ही मेरा चुनाव लड़ेंगे।”

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