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CG CRIME BREAKING : कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के 4 शूटर्स गिरफ्तार, टारगेट तक पहुंचने से पहले पुलिस ने पकड़ा ..

CG CRIME BREAKING: 4 shooters of notorious Lawrence Bishnoi and Aman Sahu gang arrested, caught by police before reaching the target..

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी पुलिस ने बड़ी वारदात से पहले ही कुख्यात छत्तीसगढ़ में लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के 4 शूटर्स को गिरफ्तार किया है। इस गैंग का एक सदस्य जो इंदौर से पिस्टल लेकर रायपुर पहुंचा था, उसने उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद इस गोलीकांड को अंजाम देने रायपुर पहुंचा था। वहीं शातिर शूटर्स ने बकायदा पुलिस को चकमा देने के राम-राम और जय माता दी जैसे देवी-देवताओं के नाम पर ही कोडवर्ड बना रखे थे। लेकिन ये शातिर शूटर्स अपने टारगेट को मार गिराते, उससे पहले ही राजधानी पुलिस ने तीन शूटर को रायपुर और एक को राजस्थान से गिरफ्तार किया है।

रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी संतोष सिंह ने आज इस मामले का खुलासा किया गया। बताया जा रहा है कि पुलिस को विश्वसनीय सूत्रों और इंटेलीजेन्स इनपुट के आधार पर कुख्यात अंतर्राष्ट्रीय गैंग के कुछ सदस्यों की रायपुर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिये मूव्हमेंट की जानकारी मिली थी। इस इनपुट के बाद आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में रायपुर पुलिस और आसूचना एजेंसी के द्वारा 72 घंटे का गोपनीय ऑपरेशन प्लान कर 03 आरोपियों को छत्तीसगढ़ और 01 आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि इन शूटर्स की गिरफ्तारी से पूछताछ के बाद पता चला कि योजना के मुताबिक मयंक सिंह जो मौजूदा वक्त में झारखण्ड के अमन साहू गैंग को संचालित करता है। उसने बोकारो निवासी रोहित स्वर्णकार को पहले पिस्टल की व्यवस्था के लिए मध्य-प्रदेश के इंदौर शहर भेजा गया।

इंदौर के सेंधवा से अपने संपर्क के माध्यम से 1 पिस्टल और 1 मैग्जीन उपलब्ध कराया गया, रोहित को पिस्टल लेकर रायपुर पहुंचने के लिये निर्देशित किया था। मयंक सिंह द्वारा राजस्थान के जिला पाली के ग्राम सारन में बैठे पप्पू सिंह को वारदात को अंजाम देने के लिये एक बाईक राईडर की व्यवस्था करने के लिए कहा गया। पप्पू सिंह ने सारन निवासी मुकेश कुमार भाट और देवेन्द्र सिंह को वारदात के वक्त बाईक राईड़िंग के लिये रायपुर रवाना किया गया। रोहित स्वर्णकार इंदौर के सेंधवा से पिस्टल लेकर उज्जैन में महाकाल के दर्शन कर ट्रेन से रायपुर पहुंचा था। उधर मुकेश और देवेन्द्र सड़क मार्ग से बस के माध्यम से रायपुर पहुंचे। प्लानिंग के मुताबिक रायपुर पुलिस के जवान इन्हें चिन्हित करने हेतु सादे लिबास में शहर के संभावित स्थलों पर तैनात किये गये। सादे लिबास में पेट्रोलिंग की अलग टीम तैनात की गई।

सतत् मॉनिटरिंग के दौरान 72 घंटे के इस गोपनीय ऑपरेशन में 1 आरोपी रोहित स्वर्णकार को गंज थाना क्षेत्र में चिन्हित कर उसकी गतिविधि मॉनिटर की गई और संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर उसे लिफ्ट किया गया। जिसके कब्जे से 1 पिस्टल और 1 मैग्जीन बरामद किया गया है। इसके साथ ही भाठगांव चौक में सादे लिबास में मौजूद टीम ने 2 संदिग्ध व्यक्तियों को पाईंट आउट किया और उनकी गतिविधियों पर निगाह रख उन्हें लिफ्ट कर कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने राजस्थान से पप्पू सिंह द्वारा यहां फायरिंग के दौरान बाईक राईडिंग करने के लिये भेजना बताया और शूटर को झारखण्ड से आना बताया गया। पुलिस कस्टडी में लिये गये तीनों आरोपियों ने पूछताछ में पूरी योजना को मयंक सिंह जो कि झारखण्ड के अमन साहू गैंग को वर्तमान में संचालित कर रहा है, के द्वारा राजस्थान के जिला पाली निवासी पप्पू सिंह के साथ मिलकर बनाये जाने की जानकारी दी गयी।

गैंग के मोडस में शूटर और राईडर को एक-दूसरे से अपनी पहचान छिपाने और किसी भी तकनीक के संपर्क में न रहने और अपने-अपने माध्यमों से एप के माध्यम से नेट कॉलिंग से ही संपर्क में रहने की हिदायत गयी थी। इसके साथ ही किसी भी विपरीत परिस्थिति या पुलिस की गिरफ्त की स्थिति में अलग-अलग कोड वर्ड तय किये गये थे। मयंक ने रोहित को 29-29 कोड यूज करने के साथ ही पप्पू ने मुकेश को राम-राम और जय माता दी कोड यूज करने निर्देशित किया गया था। टॉरगेट रायपुर पहुंचने पर ही उपर से बताया जाना तय किया गया था। गोली व बाईक की व्यवस्था मयंक द्वारा कराया जाता। पूछताछ में हुए इस खुलासे के बाद तकनीकी समीक्षा पर आरोपी पप्पू सिंह का पाली सारन में रहकर गैंग को निर्देशित करने के तथ्य सामने आने पर पहले से ही दिल्ली में मौजूद रायपुर पुलिस की एक टीम को तत्काल राजस्थान के जिला पाली रवाना किया गया।

वहां पर आर्गेजनाईशल सपोर्ट से पाली के सारन गांव में पप्पू सिंह को बिना भनक लगे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। आरोपियों ने पूछताछ में मयंक सिंह के द्वारा मलेशिया से इस योजना को ऑपरेट करना बताया गया है। राजस्थान, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ की पुलिस व अन्य संस्थायें लगातार संपर्क में रहकर आरोपियों से टॉरगेट के संबंध में विस्तृत पूछताछ की जा रहीं है। पुलिस की गिरफ्त में आये शूटर्स और उनके सहयोगियों के खिलाफ थाना गंज में अपराध दर्ज कर रखा गया है। पुलिस ने इन आरोपियों का रिमाण्ड प्राप्त कर इस संगठित अपराधिक गिरोह के सदस्यों को पाईंट आउट करने और पूरी प्लानिंग की जानकारी प्राप्त करने के प्रयास किये जा रहे है।

 

 

 

 

 

 

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