CG BREAKING : BEO’s trouble increased, charge sheet issued in this case …
रायपुर। BEO केएन वर्मा की मुश्किलें बढ़ गयी है। राज्य सरकार ने बलौदाबाजार जिले के कसडोल के तत्कालीन बीईओ के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच के आदेश दिये हैं। तत्कालीन बीईओ केएन वर्मा के खिलाफ जारी आरोप पत्र में दो गंभीर आरोप है। आरोप पत्र के मुताबिक केएन वर्मा ने 2018 में संविलियन हुए चार व्याख्याता को वेतन मद से 25 लाख रुपये एरियर्स का भुगतान कर दिया था। जबकि शासन का स्पष्ट निर्देश था कि पूर्व की अवधि के लिए शिक्षा विभाग में संविलियन किये गये कर्मी को किसी भी प्रकार के एरियर्स की राशि की भुगतान की पात्रता नहीं होगी।
वेतन मद से कर दिया था 25 लाख एरियर्स का भुगतान
विभाग के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए तत्कालीन BEO केएन वर्मा ने व्य़ाख्याता अरूण कुमार साहू, व्याख्याता रिकेश्वर कुमार मारकण्डेय, व्याख्याता संपत कुमार साहू और व्याख्याता फुलवा खुंटे को 24 लाख 83 हजार 581 रूपये का भुगतान कर दिया गया। जबकि राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि शासकीय शालाओं में कार्यरत शिक्षक पंचायत एवं नगरीय निकाय निकली सेवाएं 1 जुलाई 2028 को 8 वर्ष या उससे अधिक हो चुकी है, उनकी सेवाओं का 1 जुलाई 2018 से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है। उक्त निर्देश में ये भी स्पष्ट कर दिया गया था कि स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किये गये कर्मियों को एरियर्स की पात्रता नहीं होगी।
वहीं एक अन्य गंभीर आरोप तत्कालीन बीईओ पर ये है कि उन्होंने कसडोल बीईओ रहते हुए 1 जुलाई 2019 की स्थिति में 8 साल की सेवा पूर्ण कर लिये शिक्षक पंचायत संवर्ग की वरिष्ठता सूची में शिक्षक पंचायत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला रामपुर के भीमेंद्र कटकवार का नाम शामिल ही नहीं किया। जबकि वो संविलियन के पात्र थे। बीईओ के इस कृत्य से शिक्षक भीमेंद्र कटकवार संविलियन से वंचित रह गये। इस मामले में 27 जुलाई 2019 को तत्कालीन बीईओ के खिलाफ नोटिस भी जारी हुआ था।
विभाग ने आरोप पत्र जारी कर 15 दिनों के भीतर तत्कालीन बीईओ से जवाब मांगा है। साथ ही बचाव में कुछ कहने और गवाहों की सूची भी मांगी गयी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर 15 दिन के भीतर जवाब नहीं मिला तो एकतरफा कार्रवाई की जायेगी।