CG FAKE BILL SCAM : Fake bill scandal in the complex! Bikes and scooters were converted into pickups and autos…
बिलासपुर। जिले के बिजौर संकुल में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है, जहां पुस्तक, खेल सामग्री और अन्य सामान के परिवहन के नाम पर फर्जी बिल लगाकर लाखों की रकम निकाल ली गई। हैरानी की बात यह है कि बिलों में जिन वाहनों को पिकअप और ऑटो बताया गया, उनकी आरटीओ जांच में वे स्कूटी और मोटरसाइकिल निकले बिल्कुल बिहार के चारा घोटाले जैसी तरकीब!
4.88 लाख का फर्जीवाड़ा उजागर
आरटीआई से मिले दस्तावेजों के अनुसार वर्ष 2022 से 2025 के बीच 30 से अधिक फर्जी परिवहन बिल लगाकर कुल 4 लाख 88 हजार रुपये की निकासी की गई। इस गड़बड़ी में संकुल प्राचार्य हेमलता पांडेय और संकुल समन्वयक मनोज सिंह ठाकुर की भूमिका सामने आई है। आरोप है कि दोनों ने समग्र शिक्षा की अनुदान राशि में हेराफेरी की।
वाहनों की असलियत खोल गई पोल
बिल में सीजी 10-एपी-8536 नंबर वाले वाहन को पिकअप बताया गया, जबकि आरटीओ रिकॉर्ड में यह एक मोटर साइकिल निकली, जो परमेश्वर कुमार साहू के नाम दर्ज है। एक अन्य बिल में सीजी 10-बीसी-1127 नंबर वाले वाहन को मालवाहक ऑटो बताया गया, जबकि जांच में वह स्कूटी निकली, जो दुर्गेश कौशिक के नाम है।
ऑडिट की लापरवाही पर भी सवाल
फर्जी बिलों में स्पष्ट खामी होने के बावजूद ऑडिट टीम ने इन्हें पास कर दिया। इससे इस बात की आशंका बढ़ रही है कि या तो जांच केवल औपचारिकता थी या फिर जानबूझकर गड़बड़ी को नजरअंदाज किया गया। इससे उच्च स्तर पर संभावित मिलीभगत के संकेत मिल रहे हैं।
जांच होगी, दोषियों पर कार्रवाई-डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी विजय तांडे ने कहा “गलत दस्तावेजों और फर्जी बिलों से अनुदान राशि निकालने की शिकायत मिली है। मामले की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
