BIG NEWS : IMEI नंबर से जुड़े नए नियम लाई सरकार, अब फोन चुराने वालों की खैर नही !

BIG NEWS: Government brought new rules related to IMEI number, now it is not good for those who steal phones!
नई दिल्ली। स्मार्टफोन्स की चोरी, ब्लैक-मार्केटिंग और फेक IMEI नंबर जैसे मामलों से निपटने के लिए सरकार सख्ती अपना रही है। ऐसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार IMEI नंबर से जुड़ी नई गाइडलाइन्स लेकर आई है। नए नियमों के मुताबिक, भारत में इस्तेमाल होने वाले हर हैंडसेट का IMEI नंबर इंडियन काउंटरफीटेड डिवाइस रिस्ट्रिक्शन (ICDR) पोर्टल पर रजिस्टर करना अनिवार्य होगा।
सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है, “भारत में बिक्री, टेस्टिंग, रिसर्च या अन्य वजहों से इंपोर्ट होने वाले स्मार्टफोन्स के इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर को भारत सरकार के इंडियन काउंटरफीटेड डिवाइस रिस्ट्रिक्शन पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा। ऐसा मोबाइल फोन भारत में लाने से पहले दूरसंचार विभाग के अंतर्गत करना अब जरूरी होगा।”
क्या होता है फोन का IMEI नंबर? –
IMEI या इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी नंबर किसी भी तरह की वायरलेस कनेक्टिविटी से जुड़ने वाले डिवाइसेज की पहचान होते हैं। सिंगल सिम फोन का एक IMEI और डुअल सिम फोन के दो IMEI नंबर होते हैं। ये नंबर तय करते हैं कि मोबाइल डिवाइस को उसमें लगा सिम कार्ड बदले जाने के बाद भी ट्रैक किया जा सके। इस तरह फोन के आपराधिक मामलों में इस्तेमाल या चोरी की स्थिति में यूजर तक पहुंचा जा सकता है।
मिलते रहे हैं एक IMEI वाले कई फोन –
भारत में फेक IMEI वाले लाखों फीचर फोन्स और स्मार्टफोन्स सामने आ चुके हैं। इसके अलावा जून, 2020 में एक जैसे IMEI नंबर वाले 13,000 से ज्यादा वीवो स्मार्टफोन्स मिले थे। ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जब एक जैसे IMEI नंबर वाले कई फोन मार्केट में उतारे जाते हैं। नई गाइडलाइन्स के चलते ऐसे मामलों पर लगाम लगेगी और मोबाइल डिवाइसेज को ट्रैक कर पाना आसान हो जाएगा।
अब फोन चोरी करने वालों की खैर नहीं –
एक ही IMEI नंबर वाले कई फोन मार्केट में होने की स्थिति में किसी एक यूनिट के चोरी होने पर उसे ट्रैक नहीं किया जा सकता था। नए नियम तय करेंगे कि हर फोन यूनिट की पहचान अलग हो। इसका मतलब है कि अब पहले के मुकाबले चोरी किए गए फोन का पता लगाना आसान होगा और चोरी करने वाले पुलिस के हत्थे चढ़ेंगे। नया बदलाव 1 जनवरी, 2023 से सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।