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BIG NEWS : नए साल से पहले हाइवे पर आत्माओं की शांति के लिए 250 किमी तक गंगाजल का छिड़काव

BIG NEWS: Before the new year, sprinkling of Gangajal on the highway for 250 km for the peace of souls

बदनावर। लेबड़-नयागांव फोरलेन बनने के बाद से ही दुर्घटनाओं के लिए चर्चा में रहा है। कई स्थान ब्लैक स्पाट के रूप में चिन्हित किए जा चुके हैं। इंजीनियर की सारी कवायदों के बावजूद दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में टोल प्लाजा कंपनी ने अब धर्म और अध्यात्म की शरण ली है। लेबड़ से जावरा तक के 125 किमी हिस्से में दोनों तरफ उत्तराखंड से पवित्र गंगा जल लाकर छिड़काव किया गया। ट्रैक्टर में गंगा जल भरकर फोरलेन के दोनों हिस्सों यानी 250 किमी सड़क पर गंगा जल का छिड़काव किया। दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हवन किया। मृत लोगों की आत्मा शांति के लिए अनुष्ठान किया गया।

उज्जैन से यज्ञाचार्य दीपक पांडया को आमंत्रित कर बोराली स्थित टोल प्लाजा पर भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की गई। सुंदरकांड पाठ एवं एक कुंडीय हवन का आयोजन किया गया। इसमें टोल कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों ने आत्म शांति के जाप कर यज्ञ में घी एवं शाकल्य की आहुतियां दी। हालांकि फोरलेन कंपनी द्वारा हाल ही में टेक्नीशियनों की देखरेख में सड़क संधारण से लेकर संकेतक, टूटे डिवाइडरों की मरम्मत, स्पीड ब्रेकर, संकेतक आदि के लिए पुरजोर कवायद की थी।

24 घंटे में गुजरते हैं आठ हजार वाहन –

लेबड़-नयागांव फोरलेन पर प्रतिदिन 24 घंटे में करीब आठ हजार वाहन गुजरते हैं। वैसे तो यह मार्ग करीब 300 किमी लंबा है, किंतु जावरा से लेबड़ तक के 125 किमी क्षेत्र में दुर्घटनाओं का सिलसिला निर्माण के बाद से ही अनवरत जारी है। कुछ दिन पहले ही सातरूंडा चौराहे पर बस का इंतजार कर रही सवारियों को एक अनियंत्रित ट्रक ने रौंद दिया था। इस दुर्घटना में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि 13 घायल हो गए थे। इसी तरह कुछ ऐसी दुर्घटनाएं भी हुईं, जिनमें तकनीकी खामी की कोई भूमिका नहीं थी। टोल कंपनी ने मार्ग संधारण, स्पीड ब्रेकर निर्माण से लेकर दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए हरसंभव जतन किए, लेकिन फिर भी दुर्घटनाएं नहीं थमी तो तब थक-हारकर टोल कंपनी ने गत वर्षों में इस मार्ग पर मारे गए लोगों की आत्मशांति के लिए हवन-पूजन का सहारा लिया

मृत लोगों की आत्म शांति के लिए धार्मिक अनुष्ठा –

निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट हेड राजेश रामदे ने बताया कि उत्तराखंड से पवित्र गंगा नदी का जल भरकर मंगवाया गया था। विधिविधान के साथ लेबड़ से जावरा तक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गंगा जल का छिड़काव करवाया तथा वापसी में मार्ग की दूसरी तरफ भी यही प्रक्रिया दोहराई गई। तत्पश्चात मृत लोगों की आत्म शांति के लिए वैदाचार्यों के बताए अनुसार धार्मिक अनुष्ठान करवाए गए। सुंदरकांड का आयोजन भी रखा गया। इस मौके पर एस्सेल जी मीडिया से कंट्री रोड हेड मनमोहन ओजुटवाला के साथ राजेश लेमोश, अनिल साल्वे, विकास यादव एवं नंदकिशोर उपस्थित थे। स्थानीय कर्मचारी भी धार्मिक अनुष्ठान के दौरान मौजूद थे। भगवान से दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रार्थना की गई। रात्रि में भजन संध्या का आयोजन रखा गया था।

 

 

 

 

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