
मुंबई। उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। मुंबई के वर्ली इलाके से शिवसेना के करीब 3000 सदस्य रविवार को एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए। यह दशहरा रैली से पहले आता है जिसके लिए ठाकरे गुट को हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट से अनुमति मिली थी।
पार्टी के सदस्यों का यह फैसला ठाकरे गुट के लिए एक बड़ी निराशा के रूप में सामने आया है क्योंकि आदित्य ठाकरे मुंबई के वर्ली इलाके से विधायक हैं।
शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे और 39 अन्य बागी विधायक महा विकास अघाड़ी सरकार का विरोध करते हुए सूरत भाग गए थे। वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने वाली शिवसेना के खिलाफ थे।
राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल के दिनों के बाद, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया और उनके पद को एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी के रूप में लिया।
तब से दोनों पक्ष आमने-सामने हैं कि कौन सा गुट “वैध” शिवसेना है। हाल ही मे दोनों गुटों को कोर्ट रूम बड़ा ड्रामा सामने आया है कि पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली की मेजबानी कौन करेगा। दोनों गुटों ने रैली आयोजित करने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को अलग-अलग पत्र सौंपे थे। हालांकि, मुंबई नागरिक निकाय ने कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए दोनों गुटों को अनुमति देने से इनकार कर दिया।
नगर निकाय द्वारा अनुमति से इनकार करने के अगले ही दिन, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट को 2 अक्टूबर से 6 अक्टूबर के बीच रैली करने की अनुमति दी।