AMERICA COURT DECISION : अमेरिकी अदालत ने ट्रंप को दिया झटका, जन्म आधारित नागरिकता खत्म करने के आदेश पर रोक

AMERICA COURT DECISION: American court gave a blow to Trump, stayed the order to end birth-based citizenship.
वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा झटका लगा है। एक अमेरिकी अदालत ने उनके उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने जन्म के आधार पर नागरिकता देने की व्यवस्था को समाप्त करने की कोशिश की थी। जिला न्यायाधीश जॉन कॉफेनॉर ने इसे “स्पष्ट रूप से असंवैधानिक” बताते हुए इस पर अस्थायी रोक लगाने का आदेश दिया है।
ट्रंप ने 20 जनवरी को अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के पहले दिन इस विवादित आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। उनके आदेश के अनुसार, ऐसे बच्चों को नागरिकता देने से मना किया गया था जिनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक या कानूनी तौर पर स्थायी निवासी नहीं हैं।
अदालत का फैसला
चार डेमोक्रेटिक शासित राज्यों (वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन) की याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायाधीश कॉफेनॉर ने कहा,
“संविधान के तहत, अमेरिका में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति नागरिक है। ट्रंप का आदेश संविधान के 14वें संशोधन का उल्लंघन करता है।”
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि कोई भी राष्ट्रपति संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों को समाप्त नहीं कर सकता।
कौन-कौन था इस आदेश के खिलाफ?
ट्रंप के इस आदेश को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं दायर की गई थीं।
डेमोक्रेटिक राज्यों : ट्रंप का आदेश संविधान के खिलाफ बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की।
अमेरिकी नागरिक स्वतंत्रता संघ (ACLU) : इस आदेश को सीधे तौर पर अप्रवासियों के खिलाफ बताया।
प्रवासी संगठन और गर्भवती महिला : ट्रंप के आदेश के खिलाफ अदालत में गए।
भारतीय दंपतियों को मिली राहत
इस आदेश ने भारत के कई दंपतियों में भी चिंता बढ़ा दी थी, जो अमेरिका में अपने बच्चों को जन्म देकर नागरिकता दिलाने की योजना बना रहे थे।
आदेश के बाद कई भारतीय परिवारों ने डॉक्टरों से संपर्क किया और फरवरी 20 से पहले सी-सेक्शन कराने के लिए अपॉइंटमेंट बुक की।
अदालत के फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
नागरिकता कानून और ट्रंप का विरोध
अमेरिका में हर साल लगभग 1.5 लाख बच्चों को जन्म आधारित नागरिकता मिलती है। ट्रंप के इस आदेश ने इस प्रक्रिया को खत्म करने की कोशिश की थी। डेमोक्रेटिक शासित राज्यों ने इसे संविधान के खिलाफ करार देते हुए कहा कि यह 14वें संशोधन के मौलिक अधिकार का सीधा उल्लंघन है।
क्या कहा मैसाचुसेट्स की अटॉर्नी जनरल ने?
मैसाचुसेट्स की अटॉर्नी जनरल एंड्रिया जोय कैम्पबेल ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के पास नागरिकता जैसे मौलिक अधिकारों को छीनने का अधिकार नहीं है। यह संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।”
ट्रंप के लिए बड़ी न्यायिक चुनौती
अदालत का यह फैसला ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। आदेश पर रोक लगने के बाद उनके दूसरे कार्यकाल की शुरुआत एक बड़े विवाद के साथ हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप अपने आदेश को बचाने के लिए अदालत में आगे क्या कदम उठाते हैं।