MOBILE BAIN IN MAHAKAL MANDIR : महाकाल मंदिर में मोबाइल प्रतिबंध, आम श्रद्धालुओं पर सख्ती, वीआईपी को मिली छूट

MOBILE BAIN IN MAHAKAL MANDIR: Mobile ban in Mahakal temple, strictness on common devotees, VIP gets exemption
उज्जैन। महाकाल ज्योतिर्लिंग मंदिर में भस्म आरती के दौरान गुरुवार से आम श्रद्धालुओं के लिए मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर प्रशासन ने मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर पर भक्तों के मोबाइल जमा कराने की व्यवस्था की है। लेकिन इस प्रतिबंध में भेदभाव साफ नजर आ रहा है। वीआईपी, पुजारी और उनके सेवकों को मोबाइल लेकर अंदर जाने की पूरी छूट दी गई है।
आम श्रद्धालुओं पर सख्ती, वीआईपी को छूट –
आम भक्तों को आईडी और अनुमति की जांच के बाद ही प्रवेश दिया गया, और उनके मोबाइल लॉकर में जमा कराए गए।
गेट नंबर 1 से प्रवेश करने वाले वीआईपी और प्रोटोकॉल के तहत आने वाले लोगों को मोबाइल लेकर जाने की अनुमति दी गई।
पुजारी और उनके सेवकों ने भी बिना किसी रोकटोक के अपने मोबाइल मंदिर परिसर में ले गए।
भेदभाव ने उठाए सवाल –
मंदिर में सभी के लिए समान नियम लागू होने चाहिए थे, लेकिन यह प्रतिबंध केवल आम श्रद्धालुओं पर ही लागू किया गया। वीआईपी और प्रोटोकॉल से जुड़े लोगों को इस नियम से छूट देना प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़े करता है।
एक ओर मंदिर प्रशासन मोबाइल प्रतिबंध के लिए सख्ती दिखा रहा है, तो दूसरी ओर वीआईपी और पुजारी इस नियम का उल्लंघन कर रहे हैं।
आम जनता : मोबाइल जमा करने के लिए मजबूर।
वीआईपी और प्रोटोकॉल: बिना रोकटोक मोबाइल लेकर मंदिर परिसर में जा रहे हैं।
नियम का पालन कराने में कमी –
मंदिर प्रशासन ने दावा किया है कि शुक्रवार से पुजारी और उनके सेवकों पर भी प्रतिबंध लागू किया जाएगा। लेकिन पहले दिन ही भेदभावपूर्ण रवैया देखने को मिला।
भक्तों में नाराजगी –
आम भक्तों ने इस दोहरे मापदंड पर नाराजगी जाहिर की। उनका कहना है कि नियम सबके लिए समान होने चाहिए। वीआईपी को छूट देना मंदिर प्रशासन की असमानता को दर्शाता है।
प्रशासन के दावे –
सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने कहा कि नियम सभी पर लागू होंगे और इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। हालांकि, पहले दिन के हालात इस दावे को कमजोर साबित करते हैं।
आम जनता से सख्ती और वीआईपी को छूट – क्या यह धार्मिक स्थल पर उचित है?