Trending Nowशहर एवं राज्य

तिरछी नजर : बृहस्पति कथा

बृहस्पति कथा

बृहस्पति सिंह की टीएस बाबा से राजनीति अदावत करीब 35 साल पुरानी है। उन दिनों सरगुजा के जंगलों में तेंदूपत्ता का ठेका टीएस के करीबियों के पास था। उस समय बृहस्पति सिंह तेंदूपत्ता तोड़ाई के लिए जाते थे। इस दौरान उनका फड़ मुंशी से झगड़ा हो गया।

इसके बाद बृहस्पति सिंह ने डीएफओ के कमरे में बेधड़क घुसकर गांव के बेरोजगार युवकों को फंड मुशी बनाने की मांग की थी। बदले में गांव वालों ने बृहस्पति सिंह को पंच बना दिया। इसके बाद बृहस्पति सिंह नहीं रूके और सक्रिय राजनीति में आ गए। आज भी वो सरगुजा इलाके में टीएस को चुनौती देने में पीछे नहीं रहते हैं।

दूसरी तरफ, टीएस बाबा सौम्य माने जाते हैं, लेकिन समय-समय पर उनका रौद्र रूप भी देखने को मिलता है। पिछले दिनों बृहस्पति सिंह के आरोपों से इतने नाराज हो गए थे कि पीएल पुनिया की मौजूदगी में बृहस्पति सिंह को जमकर फटकार लगाई। उनके हाव-भाव इतने गरम थे कि किसी ने उन्हें रोकने-टोकने की हिम्मत नहीं की। उन्हें जानने वाले लोग कहते हैं कि टीएस इतने सीधे भी नहीं है।


जीपी सिंह की मुश्किलें कम नहीं 

निलंबित एडीजी जीपी सिंह को राजद्रोह के प्रकरण में बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने जीपी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वैसे राहत तो पुलिस वालों को भी मिल गई, जो कि जीपी की गिरफ्तारी के लिए यहां-वहां छापे मारने का दिखावा कर रहे थे। चर्चा है कि इस तरह का दिखावा मुकेश गुप्ता मामले में भी की गई थी तब बिना वारंट के दुर्ग पुलिस की टीम दिल्ली के उनके घर धमक गई थी वहां गुप्ता के परिजनों ने टीम के सदस्यों को ऐसा हड़काया कि टीम के लोग सिर झुका कर लौट आई।

वैसे पुलिस वालों की खासियत है। जब तक बहुत बड़ी आफत नहीं खड़ी हो जाए, अपनों का ख्याल रखते हैं। जीपी के खिलाफ राजद्रोह के मामले में कोर्ट का ऐसा रवैया अपेक्षित था क्योंकि इस कानून को खत्म करने की मांग उठ रही है। इन सबके बावजूद जीपी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। एसीबी ने करीब 15 करोड़ की संपत्ति का पता लगा लिया है। ऐसे में आय से संपत्ति का मामला पुख्ता बनता दिख रहा है।

—-

दिग्विजय, टीएस के साथ?

चर्चा है कि भूपेश बघेल और टीएस बाबा मामले में कांग्रेस हाईकमान एक मत नहीं था। दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश जैसे नेताओं का रूझान टीएस के पक्ष में दिख रहा था तो कुछ नेता भूपेश बघेल के पक्ष में थे। विशेषकर प्रियंका गांधी से जुड़्््े यूपी के कुछ नेताओं ने भूपेश को बनाए रखने की पूरजोर वकालत की थी। इन सबके बीच प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और चंदन यादव की राय अहम थी। पुनिया ने विधायकों की राय से राहुल गांधी को अवगत कराया उन्हें बताया कि दो तिहाई विधायक भूपेश के समर्थन में है। इसके बाद ही भूपेश बघेल को अभयदान मिल गया।

———–

गीता भी दिल्ली जाएंगी

कृषि उत्पादन आयुक्त एम गीता भी दिल्ली जाने की इच्छुक हैं। चर्चा है कि उन्होंने केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन दे दिया है। वैसे सीनियर आईएएस अफसरों की कमी है। सोनमणि बोरा और केसी देव सेनापति हाल ही में केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर गए हैं। आधा दर्जन से अधिक अफसर पहले से ही वहां प्रतिनियुक्ति पर हैं। फिर भी माना जा रहा है कि एम गीता को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की अनुमति मिल सकती है।

आरटीओ का झगड़ा

आरटीओ में दो ताकतवर लोगों के झगड़े से विभाग के लोग परेशान हैं। एक का तो पिछले 17 सालों से एकाधिकार रहा है। सारा माल-मसाला उन्हीं के जरिए एकत्र होता था। अब उन्हें हटाकर दूसरे को जिम्मा दे दिया गया। जिसे जिम्मा मिला है वो अपेक्षा$कृत ऊंचे ओहदे पर है। लेकिन वर्षों से जमे-जमाए कारोबार को संभालने में दिक्कत आ रही है। जिन्हे हटाया गया है, वो कर्मचारी कांग्रेस के प्रवक्ता बन गए हैं और विभाग के बड़े लोगों से सीधे टकरा रहे हैं। वो राजदार हैं इसलिए उनसे लोग घबरा भी रहे हैं, और अंदर की खबर बाहर निकलने से बेचैनी भी है। कुछ लोग बीच-बचाव में जुटे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है।

 

advt03-march2025
advt02-march2025
advt-march2025
birthday
Share This: