BILASPUR TRAIN ACCIDENT : रेल हादसे की जांच में बड़ा खुलासा, मृत लोको पायलट पर FIR …

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BILASPUR TRAIN ACCIDENT : Major revelation in the investigation of the train accident, FIR lodged against the deceased loco pilot…

बिलासपुर, 6 नवंबर 2025। लालखदान-गतौरा रेलखंड पर हुए भीषण रेल हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बिलासपुर रेलवे मंडल की पांच सदस्यीय टीम ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि कोरबा-बिलासपुर लोकल ट्रेन के चालक ने गलत सिग्नल देखकर ट्रेन को उस ट्रैक पर दौड़ा दिया, जहां पहले से कोयला लदी मालगाड़ी खड़ी थी। इसी गलती ने 11 यात्रियों की जान ले ली और 20 लोग घायल हो गए।

मंगलवार शाम करीब 4:10 बजे यह हादसा हुआ, जब गेवरा रोड मेमू लोकल (68733) बिलासपुर की ओर बढ़ रही थी। लालखदान के पास ट्रैक घुमावदार होने के कारण लोको पायलट विद्या सागर को अपना सिग्नल स्पष्ट नहीं दिखा और उन्होंने दूसरी लाइन का ग्रीन सिग्नल सही मान लिया। परिणामस्वरूप ट्रेन ने “रेड सिग्नल” पार कर लिया, जिसे रेलवे की भाषा में सिग्नल पास्ड एट डेंजर (SPAD) कहा जाता है।

जैसे ही मेमू ट्रेन ने आगे बढ़ना जारी रखा, वह सीधे खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इंजन और ब्रेक यान मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए, जबकि बाकी डिब्बे नीचे लटक गए।

रफ्तार बनी हादसे की वजह

जांच रिपोर्ट में दर्ज है कि ट्रेन गतौरा स्टेशन से निकलते वक्त 50 किमी/घंटे की गति पर थी, जबकि कुछ मिनट पहले यह 76 किमी/घंटे की रफ्तार से चल रही थी। सामने मालगाड़ी देखकर लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मृत चालक पर दर्ज हुआ केस

तोरवा पुलिस ने रेलवे के पत्र के आधार पर मृत लोको पायलट विद्या सागर के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है। बताया गया है कि वे एक महीने पहले तक मालगाड़ी चलाते थे और हाल ही में उन्हें यात्री ट्रेन की जिम्मेदारी दी गई थी। हादसे में उनकी मौके पर मौत हो गई, जबकि सहायक महिला चालक रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हैं और फिलहाल अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं।

रेल संरक्षा आयुक्त पहुंचे बिलासपुर

रेल संरक्षा आयुक्त (CRS) बी.के. मिश्रा बुधवार को बिलासपुर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। वे सात नवंबर तक बिलासपुर में रहकर विस्तृत जांच करेंगे। इस दौरान वे 19 रेल कर्मचारियों के बयान दर्ज कर रहे हैं, जिनमें स्टेशन मास्टर, सिग्नल इंजीनियर, प्वाइंट्समैन, ट्रेन मैनेजर और कंट्रोलर शामिल हैं।

सहायक लोको पायलट रश्मि राज का बयान अस्पताल में अलग से लिया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि विस्तृत रिपोर्ट में यह साफ किया जाएगा कि हादसे की वास्तविक वजह तकनीकी थी या मानवीय लापरवाही।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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