Vanatara case: वनतारा मामला खत्म होने पर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा – काश सारे केस इतनी जल्दी निपट जाते…

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Vanatara case: नई दिल्ली। वनतारा के लिए राहत की खबर है। विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट को आधार बनाकर शीर्ष अदालत ने सोमवार को इस पर मुहर लगा दी कि वनतारा अच्छा काम कर रहा है। एसआईटी ने गुजरात के जामनगर स्थित प्राणी बचाव और पुर्नवास केंद्र को क्लीन चिट दी है।

जांच कमेटी वनतारा में नियमों के अनुपालन और रेगुलेटरी उपायों को लेकर संतुष्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा पर अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली सोशल मीडिया में आयी खबरों और दाखिल जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के लिए गत 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की थी।

एसआईटी ने सौंपी थी रिपोर्ट
एसआईटी में हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले और भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी अनीश गुप्ता शामिल थे। एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वनतारा में नियमों के अनुपालन की जांच करके अपनी रिपोर्ट गत 12 सितंबर को कोर्ट को सौंप दी थी।

सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रिपोर्ट को रिकार्ड पर लिया और देखा। गुजरात सरकार की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वनतारा की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने रिपोर्ट का विवरण आदेश में शामिल किये जाने पर आपत्ति जताई। साल्वे ने कहा कि जब एसआईटी ने वनतारा का दौरा किया तो वहां का पूरा स्टाफ उन्हें सहयोग कर रहा था और उन्हें हर चीज दिखाई गई।

कोर्ट ने बंद कर दिया मामला
साल्वे ने कहा कि जानवरों को कैसे रखा जाता है, कैसे उनकी देखभाल की जाती है, विशेषज्ञों पर भारी रकम खर्च की जाती है और इसमें कुछ हद तक व्यवसायिक गोपनीयता भी है। साल्वे ने कहा कि ये चीजें सुविधाएं दुनिया के लिए प्रतिद्वंदी हैं। इसे गिराने के लिए एक धारणा गढ़ी जा रही है। अगर पूरा रिकॉर्ड सामने रखा जाता है तो हम नहीं चाहते कि यह पूरी दुनिया को पता चले। क्योंकि हो सकता है कि कल को न्यूयॉर्क टाइम्स में कोई लेख दिखे या टाइम्स मैगजीन में लेख दिखे।

पीठ ने कहा कि वह इस मामले में और किसी को ऐसी आपत्तियां उठाने की इजाजत नहीं देगी। कोर्ट ने कहा कि वह अब इस मामले को बंद कर देगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह समिति की रिपोर्ट से संतुष्ट है। पीठ ने कहा कि अब उसके पास एक स्वतंत्र समिति की रिपोर्ट है। समिति ने हर चीज का अध्ययन किया है, विशेषज्ञों की मदद ली है। उन्होंने जो रिपोर्ट दी है हम उसी के अनुसार चलेंगे। जब एक वकील ने मामले में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगी और कहा कि उनकी याचिका वनतारा में लाए जा रहे एक हाथी से संबंधित है तो पीठ ने उस पर विचार करने से इन्कार कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि देखिए कुछ चीजें ऐसी हैं जो शायद हमें इस इस देश का गौरव लगती हैं। हमें इन सब मुद्दों को बेवजह उछाल कर शोरशराबा नहीं करना चाहिए। देश में कुछ अच्छी चीजें होने दीजिए। हमें इन अच्छी चीजों पर खुश होना चाहिए। अगर हाथी को कानून के मुताबिक लिया जाता है तो इसमें दिक्कत क्या है। अगर कोई हाथी लेना चाहता है और वह कानून के मुताबिक ऐसा करता है तो इसमें गलत क्या है।

 

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