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TMC leader murder case: TMC नेता की खुलेआम हत्या, बम मारकर फरार हुए बदमाश

CG NEWS
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TMC leader murder case: कोलकाता। बंगाल के बीरभूम जिले में शनिवार देर रात सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की बदमाशों ने बम मारकर हत्या कर दी, जिसके बाद इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस के अनुसार, यह घटना जिले के मल्लारपुर थाना क्षेत्र के बिसियाग्राम में घटी। मृतक तृणमूल नेता का नाम बैतुल्ला शेख (40) है। वह पंचायत समिति के पूर्व मत्स्य अध्यक्ष थे। उनकी पत्नी वर्तमान में इसी पद पर कार्यरत है।

चाय की दुकान पर मारी गोली
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, रात लगभग 8:30 बजे बैतुल्ला शेख एक चाय की दुकान पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे, तभी कुछ अज्ञात हमलावर वहां पहुंचे और उन पर एक के बाद एक तीन बम फेंके। हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।

TMC नेता ने मौके पर तोड़ा दम
बम लगने से बैतुल्ला की मौके पर ही मौत हो गई। बमों के फटने से जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। बैतुल्ला को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

माकपा के गुंडो पर लगा आरोप
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। हत्या की वजह अभी साफ नहीं है। मयूरेश्वर से तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक अभिजीत राय ने हत्या के पीछे माकपा के गुंडों का हाथ बताया है। वहीं, स्थानीय माकपा नेतृत्व ने आरोपों को खारिज करते हुए इस हत्याकांड को तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटीय कलह का परिणाम बताया है।

10 दिन में 4 हत्याएं
मालूम हो कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में बीते 10 दिनों के भीतर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं की हत्या हो चुकी है। इसमें बीरभूम जिले में यह दूसरी हत्या है। बैतुल्ला शेख इलाके के प्रभावशाली तृणमूल नेता थे।

पहले कब-कब हुई वारदात?
इससे पहले 12 जुलाई की रात बीरभूम के सैंथिया थाना इलाके में तृणमूल के पंचायत अध्यक्ष पीयूष घोष (42) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उससे पहले 10 जुलाई की रात दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ इलाके में तृणमूल कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष रज्जाक खान (38) की अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अगले दिन मालदा जिले में भी एक तृणमूल नेता की हत्या कर दी गई थी। महज कुछ दिनों के भीतर सत्तारूढ़ दल के चार नेताओं की हत्या की इन घटनाओं ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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