WEATHER UPDATE: Alarm of catastrophe in two oceans simultaneously…
नई दिल्ली। पृथ्वी के दोनों ओर समुद्रों में इस वक्त दो भीषण तूफान एक साथ सक्रिय हैं, बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन ‘मोंथा’ और अटलांटिक महासागर में हरिकेन ‘मेलिसा’। दोनों ही तेज हवाओं, भारी बारिश और ऊंची समुद्री लहरों के साथ तबाही का संकेत दे रहे हैं। हालांकि दोनों का स्वभाव लगभग एक जैसा है, लेकिन इनके बनने का क्षेत्र, नामकरण और ताकत अलग है।
क्या है चक्रवात और हरिकेन में फर्क?
‘साइक्लोन’ यानी चक्रवात वह बड़ा तूफान होता है जो गर्म समुद्री पानी से बनता है और जिसकी हवाएं 63 किमी/घंटा से अधिक होती हैं। यह नाम उत्तरी हिंद महासागर (जैसे बंगाल की खाड़ी) में बनते तूफानों के लिए प्रयोग होता है।
वहीं, अटलांटिक महासागर या पूर्वी प्रशांत में बनने वाले ऐसे ही तूफानों को ‘हरिकेन’ कहा जाता है। फर्क बस क्षेत्रीय नाम का है — लेकिन दोनों ही बेहद खतरनाक होते हैं।
साइक्लोन ‘मोंथा’ — बंगाल की खाड़ी से उठी प्रलय
साइक्लोन मोंथा अक्टूबर के आखिर में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में बने कम दबाव क्षेत्र से विकसित हुआ। गर्म समुद्री पानी (28-30°C) और नम हवाओं के कारण यह तेज़ी से ‘डीप डिप्रेशन’ से ‘साइक्लोनिक स्टॉर्म’ में बदल गया।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मोंथा 28 अक्टूबर की रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराने वाला है।
• हवा की रफ्तार: 90-100 किमी/घंटा (गस्ट 110 किमी/घंटा)
• लहरें: 10-15 फीट ऊंची
• बारिश: 10-20 इंच तक
राज्य सरकार ने तटीय इलाकों में NDRF की तैनाती की है और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। थाईलैंड द्वारा सुझाया गया नाम ‘मोंथा’ का अर्थ है “सुगंधित फूल”। यदि यह तूफान ज्यादा तबाही मचाता है, तो इसका नाम स्थायी रूप से रिटायर कर दिया जाएगा।
हरिकेन ‘मेलिसा’ — अटलांटिक में कैटेगरी 5 का दानव
अटलांटिक महासागर में हरिकेन ‘मेलिसा’ कैटेगरी 5 की रफ्तार पकड़ चुका है। यह पश्चिम अफ्रीका के तट से निकली ‘ट्रॉपिकल वेव’ से बना और अब कैरिबियन की ओर बढ़ रहा है।
• हवा की रफ्तार: 282 किमी/घंटा
• दबाव: 906 mb (बहुत कम, यानी बेहद ताकतवर)
• संभावित लैंडफॉल: 29 अक्टूबर को जमैका, इसके बाद क्यूबा और बहामास
अब तक हैती में 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह तूफान जमैका का सबसे घातक हरिकेन साबित हो सकता है। ‘मेलिसा’ नाम WMO की 6-वर्षीय लिस्ट में से लिया गया है। पहले 2019 में भी एक कमजोर हरिकेन इसी नाम से आया था, लेकिन 2025 का मेलिसा इतना शक्तिशाली है कि इसका नाम रिटायर होने की संभावना है।
दोनों तूफानों का असर और चेतावनी
साइक्लोन मोंथा और हरिकेन मेलिसा दोनों ही जलवायु परिवर्तन से जुड़े अत्यधिक मौसमीय घटनाओं के उदाहरण हैं। जहां भारत में तटीय इलाकों में फ्लैश फ्लड और तेज हवाओं का खतरा है, वहीं कैरिबियन देशों में भीषण बारिश, बाढ़ और समुद्री लहरों से भारी तबाही की आशंका है।
- मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि समुद्रों के बढ़ते तापमान ने इन तूफानों की ताकत को दोगुना कर दिया है। सरकारों ने लोगों से सतर्क रहने, ऊंचे इलाकों में जाने और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने की अपील की है।
