VANTARA SIT PROBE : SC formed SIT, Vantara said …
नई दिल्ली/जामनगर। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अंबानी परिवार के स्वामित्व वाले गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा वाइल्डलाइफ फैसिलिटी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया। इसके बाद मंगलवार को वंतारा ने बयान जारी कर कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करता है और पूरी तरह कानून का पालन करेगा।
वंतारा की ओर से कहा गया, “हमारा मिशन और फोकस जानवरों के बचाव, पुनर्वास और देखभाल पर ही रहेगा। SIT की जांच में हम पूरा सहयोग करेंगे और हमेशा जानवरों की भलाई को सर्वोपरि रखेंगे।”
SIT की जांच किन बिंदुओं पर होगी
सुप्रीम कोर्ट की बेंच (जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले) ने SIT का नेतृत्व रिटायर्ड जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर को सौंपा है। जांच दल को इन मुद्दों पर तथ्य जुटाने का काम दिया गया है –
जानवरों की भारत और विदेश से खरीद और ट्रांसफर, खासकर हाथियों की
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 का पालन
CITES (अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन ऑन ट्रेड ऑफ एंडेंजर्ड स्पीशीज) के नियम
वेटनरी केयर और एनिमल वेलफेयर के मानक
निजी कलेक्शन या वैनिटी प्रोजेक्ट के आरोप
पानी/कार्बन क्रेडिट का दुरुपयोग
वित्तीय अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
कोर्ट ने साफ किया कि यह जांच सिर्फ फैक्ट-फाइंडिंग के लिए है, इससे न तो वंतारा और न ही किसी वैधानिक संस्था की भूमिका पर संदेह माना जाए।
वंतारा पर लगे आरोपों को लेकर हाल ही में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हजारों लोग सड़क पर उतरे थे। प्रदर्शनकारियों ने 36 वर्षीय हथिनी महादेवी (माधुरी) को उसके मूल गांव नंदनी (करवीर) लौटाने की मांग की थी। हालांकि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही माधुरी को वंतारा लाया गया था।
वंतारा का कहना है कि उसने सिर्फ न्यायालय के निर्देश का पालन किया और वहां जानवरों की बेहतर देखभाल और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
