रायपुर। प्रदेश में लगभग 3 साल बाद ट्रांसफर से बैन हटाया गया है और इसे लेकर सरकारी कर्मचारियों में काफी उत्साह दी है लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि ट्रांसफर विवादों के घेरे में आ जाता है ऐसे में कई कर्मचारी जिन्हें यह महसूस होता है कि उनका स्थानांतरण गलत तरीके से किया गया है वह न्यायालय की शरण ले लेते हैं इसे देखते हुए सरकार ने एक समिति का निर्माण किया है जिसकी अध्यक्षता प्रमुख सचिव गृह विभाग मनोज पिंगुआ को सौंपी गई है साथ ही अलरमेल मंगई डी को समिति में सदस्य बनाया गया है। यदि कोई कर्मचारी अपने ट्रांसफर से असंतुष्ट होता है तो उसके पास यह विकल्प होगा कि वह 15 दिनों के भीतर इस समिति के पास अपने ट्रांसफर के विरुद्ध अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकता है । समिति उस पर विचार करके फिर अपनी अनुशंसा विभाग को प्रेषित करेगी।